ब्रेकिंग न्यूज़

Seema Haidar: ‘जल्द दूंगी गुड न्यूज़’, सीमा हैदर का नया सस्पेंस, वीडियो जारी कर किया बड़ा इशारा Seema Haidar: ‘जल्द दूंगी गुड न्यूज़’, सीमा हैदर का नया सस्पेंस, वीडियो जारी कर किया बड़ा इशारा Bihar Mango Man: बिहार के 'मैंगो मैंन', जो हैं PM Modi के हैं जबरा फैन, इनके बगीचे के आम खाते हैं प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक Bihar Crime News: बिहार पुलिस का नायाब कारनामा, जिसे मिली थी बेल उसे ही पकड़ कर कोर्ट में कर दिया पेश; अदालत ने लगाई फटकार Bihar Crime News: बिहार पुलिस का नायाब कारनामा, जिसे मिली थी बेल उसे ही पकड़ कर कोर्ट में कर दिया पेश; अदालत ने लगाई फटकार Bihar News: जांच का खेल..! अगुवानी घाट पुल गिरने के मामले में जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम, भ्रष्टाचार का पुल दो बार गिरा, फिर भी दोषी एजेंसी, इंजीनियर बचे हैं... Bihar Police Transfer: बिहार के इस जिले एक दर्जन थानेदारों का थाना बदला, क्राइम कंट्रोल को लेकर SSP का एक्शन Bihar sarkari naukari: इंजीनियरों के लिए निकली सरकारी नौकरी, इस बिभाग में AEE के 24 पदों पर वैकेंसी Bihar News: बिहार आ रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री और अनिरुद्धाचार्य, जानिए... क्या है कार्यक्रम? Shraddha Kapoor: फीस की वजह से एकता की फिल्म से बाहर हुईं श्रद्धा कपूर, 'तुम्बाड' के निर्देशक करने वाले थे डायरेक्ट

जातीय गणना में यादवों-कुर्मी के लिए ऐसे हुई हेराफेरी: कई उपजातियों को एक साथ जोड़ा गया, वैश्य, मल्लाह, नोनिया को टुकड़ों में बांटा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 08 Oct 2023 06:09:56 PM IST

जातीय गणना में यादवों-कुर्मी के लिए ऐसे हुई हेराफेरी: कई उपजातियों को एक साथ जोड़ा गया, वैश्य, मल्लाह, नोनिया को टुकड़ों में बांटा

- फ़ोटो

PATNA: बिहार सरकार द्वारा करायी गयी जातीय गणना में यादवों और कुर्मी की संख्या बढाने के लिए हेराफेरी की गयी. बीजेपी सांसद औऱ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ये आरोप लगाया है. सुशील मोदी ने कहा है कि यादवों की तादाद बढ़ाने के लिए कई उपजातियों को साथ जोड़ दिया गया. ऐसा ही कुर्मी के साथ भी किया गया. जब वैश्य, नोनिया, मल्लाह जैसी जातियों के साथ जमकर हेराफेरी की गयी. 


सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार के जातीय सर्वे में कुछ जातियों को कम और कुछ खास जातियों को उनकी उपजातियों को जोड़ कर ज्यादा दिखाने जैसी कई गंभीर शिकायतें मिल रही हैं.  इसके निराकरण और जातियों का नया वर्गीकरण करने के लिए सरकार को हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग गठित करना चाहिए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो लोगों का आक्रोश भडकेगा. 


ऐसे बढ़ायी यादवों की तादाद

सुशील मोदी ने कहा है कि जातीय गणना में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप जैसी दर्जन-भर उपजातियों को एक जातीय कोड "यादव" देकर इनकी आबादी 14.26 परसेंट दिखायी गई. वैसे ही कुर्मी जाति की आबादी को भी घमैला, कुचैसा, अवधिया जैसी आधा दर्जन उपजातियों को जोड़ कर 2.87 परसेंट दिखाया गया. सुशील मोदी ने कहा कि क्या यह संयोग है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की जाति को उपजातियों-सहित गिना गया. 


वहीं, वैश्य, मल्लाह, बिंद जैसी जातियों को उपजातियों में खंडित कर इऩकी आबादी इतनी कम दिखायी गई कि इन्हें अपनी राजनीतिक ताकत का एहसास नहीं हो ? सुशील मोदी ने कहा कि बनिया (वैश्य) जाति की आबादी मात्र 2.31 फीसद दिखाने के लिए इसे तेली, कानू, हलवाई, चौरसिया जैसी 10 उपजातियों में तोड़ कर दिखाया गया. यदि उपजातियों को जोड़ कर एक कोड दिया गया होता, तो बनिया की आबादी 9.56 प्रतिशत होती.


सुशील मोदी ने कहा कि मल्लाह जाति को 10 उपजातियों में तोड़ कर इनकी आबादी 2.60 परसेंट दर्ज की गई. उपजातियों को जोड़ने पर मल्लाह जाति की आबादी 5.16 परसेंट होती. उन्होंने कहा कि नोनिया जाति की आबादी 1.9 प्रतिशत दर्ज हुई, जबकि इनकी बिंद, बेलदार उपजातियों को जोड़ कर आबादी 3.26 प्रतिशत होती है. सुशील मोदी ने कहा कि कुछ चुनिंदा जाति-धर्म के लोगों की गिनती में सरकार ने एक साजिश के तहत "उपजाति-जोड़ो" फार्मूला लगाया, तो कई अन्य जातियें के लिए "उपजाति-तोड़ो" फार्मूला लगाया. ये भेद-भाव किसके आदेश से हुआ, इसकी जाँच होनी चाहिए.