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जातीय जनगणना से एक कदम आगे बढ़ी JDU, अब आर्थिक आधार को शामिल करने की मांग

1st Bihar Published by: Updated Mon, 23 Aug 2021 01:10:10 PM IST

जातीय जनगणना से एक कदम आगे बढ़ी JDU, अब आर्थिक आधार को शामिल करने की मांग

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PATNA : जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के प्रतिनिधि मंडल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने उम्मीद जताई है कि जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार उचित फैसला लेगी और बिहार के प्रतिनिधिमंडल की मांग पर विचार किया जाएगा. लेकिन इस बीच जातीय जनगणना को लेकर जनता दल यूनाइटेड ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए नई मांग सामने रख दी है. जेडीयू अब जातीय जनगणना से आगे बढ़कर आर्थिक आधार पर जनगणना और उसी के आधार पर लोकसभा और विधानसभा जैसे चुनाव में सीटों के आरक्षण का लाभ दिए जाने की मांग कर रही है.



जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ दिए जाने की जरूरत बताई है. अजय आलोक ने कहा है कि क्या आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिलना चाहिए जो जाति के नाम पर पिछड़ी या अनुसूचित हैं लेकिन आर्थिक दृष्टि से मॉल ,ज़मीनो के मालिक हैं , लखपति करोड़पति हैं ? जातीय जनगणना अनिवार्यता हो लेकिन आर्थिक आधार के साथ , तभी न्याय के साथ विकास और विश्वास होगा.


इतना ही नहीं जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने आरक्षित सीटों पर लोकसभा और विधानसभा के साथ स्थानीय निकाय चुनाव में भी आर्थिक आधार पर आरक्षित किए जाने की जरूरत बताई है. अजय आलोक ने कहा है कि आर्थिक आधार पर जब सीटें आरक्षित होंगी तो असली गरीबों की आवाज सदन में गूंजेगी. वरना एक ही नेता की अगली पौध को मौका मिलता रहेगा और बाकी लोग छूट जाएंगे.



गौरतलब हो कि आज जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी. सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है. उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें. उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सबकी बातों को बड़े गौर से सुना. उन्‍होंने जातीय जनगणना की मांग से इनकार नहीं किया है. हमें उम्‍मीद है कि वह इस बारे में विचार करके उचित निर्णय लेंगे. उन्‍होंने कहा कि नेताओं ने प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना के बारे में अब तक बिहार में हुई कोशिशों की पूरी जानकारी दी. उन्‍हें बताया कि कैसे 2019 और 2020 में प्रस्‍ताव पास किया गया.



बीच में केंद्र के एक मंत्री के यह कहने से कि जातिगत जनगणना नहीं हो पाएगी. पूरे राज्‍य में बेचैनी फैल गई. उन्‍होंने कहा कि इसी स्थिति के चलते पीएम से आज मुलाकात की गई. उन्‍हें ओबीसी, माइनारिटी समेत सभी के बारे में जानकारी दी गई. सीएम नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना बेहद जरूरी है. यह एक बार हो जाएगा सब की स्थिति स्‍पष्‍ट हो जाएगी. जिन वर्गों को सरकारी योजनाओं का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है उनके बारे में  भी ठीक ढंग से योजनाएं बन पाएंगी. विकास के लिए ठीक से काम होगा.