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JDU की पॉलिटिक्स में कूदे बाबा, शिवानंद ने नीतीश को याद दिलायी बीते दिनों की बात

1st Bihar Published by: Updated Wed, 22 Jan 2020 04:20:08 PM IST

JDU की पॉलिटिक्स में कूदे बाबा, शिवानंद ने नीतीश को याद दिलायी बीते दिनों की बात

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PATNA :आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने जेडीयू के पॉलिटिक्स में अपनी इंट्री मारी है। जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा की चिट्ठी पर उन्होनें सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा है और याद दिलाया है कि नीतीश कुमार ने पहले भी तेजस्वी यादव की बातों को जवाब नहीं दिया था को अब अब वर्मा जी की चिट्ठी का क्या जवाब देंगे। साथ ही उन्होनें जेडीयू के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे पवन वर्मा पर चारा भी फेंका है। 


पहले शिवानंद तिवारी का ये फेसबुक पोस्ट पढ़िए- 

पवन वर्मा जी अपने पत्र में नीतीश कुमार से वही सवाल पूछ रहे हैं जिसे विधानसभा के हाल में हुए एक दिनी सत्र में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पूछा था ! सदन में नीतीश कुमार से तेजस्वी ने पूछा था. जब उप मुख्यमंत्री के रूप में मैं आपके बग़ल में बैठा करता था तो आप बताते थे कि भाजपा और आर एस एस वाले कितने ख़तरनाक लोग हैं. आर एस एस की विचारधारा देश के लिए गंभीर ख़तरा है. आप कहा करते थे कि अब तुम्हीं लोगों के हाथ में देश का भविष्य हैं. इन लोगों से देश को बचाना है. और आज आप इन्हीं लोगों के साथ कैसे बैठे हैं!

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में तेजस्वी की बात का जवाब नहीं दिया था. और मुझे यक़ीन है कि पवन वर्मा जी के बात का भी जवाब भी उनसे मिलने वाला नहीं है. लेकिन उनके चारण पवन जी से ज़रूर उनकी औक़ात पूछेंगे.

ऐसा नहीं है कि नीतीश जी आर एस एस या सावरकर की विचारधारा से अपरिचित हैं. कम से कम नरेंद्र मोदी के विभाजनकारी व्यक्तित्व से तो वे भलीभाँति परिचित हैं. एक तो संघ की विचारधारा और दूसरी ओर मोदी जी का कट्टर व्यक्तित्व. यानी एक तो करैला वह भी नीम पर चढ़ा! इसको समझ बुझकर ही तो नीतीश जी एन डी ए से बाहर आए थे ! और इस संकल्प के साथ बाहर आए थे कि मिट्टी में मिल जाउंगा लेकिन फिर कभी इनके साथ नहीं जाउंगा !

इसके बावजूद नीतीश जी फिर उन्हीं की गोदी में जाकर बैठ गए. पवन जी तो उस समय नीतीश जी के साथ ही थे. उनको उस समय क्यों नहीं एतराज़ हुआ ! मोदी जी और अमित शाह तो ईमानदार हैं. जो कर हैं यही उनका दर्शन है. उनका इस देश की सभ्यता, संस्कृति और परंपरा से परिचय नहीं है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में ही पले बढ़े हैं. वही संघ जिसने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की दलाली की थी. सावरकर की हिंदू महासभा 42 में तीन-तीन प्रांतों में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार चला रही थी. विलक्षण प्रतिभा वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी 42 में बंगाल की सरकार में दूसरे नम्बर के मंत्री थे.

मोदी जी निष्ठापूर्वक संघ की नीतियों के मुताबिक़ सरकार चला रहे हैं. सावरकर जी का हिंदुत्व कहता है कि जिनकी पुण्यभूमि इस देश के बाहर है वह इस देश में दूसरे दर्जे का नागरिक हैं. नागरिकता क़ानून में संशोधन तो इसी का एलान है. इन लोगों ने कभी हमारे संविधान को मान्यता नहीं दी है. संविधान के विपरीत ये खुलेआम कहते रहे हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है. अभी तो इनके निशाने पर मुसलमान है. कल दलित आएगा और परसों पिछड़ा . मोदी जी के ‘सदा’स्मरणीय गुरू गोलवलकर जी ने इसे छुपाया नहीं है. वर्ण व्यवस्था ही उनकी नज़रों में देश की धर्म शास्त्रीय समाज व्यवस्था है. वेदों के बाद मनुस्मृति ही हिंदुओं का सबसे पवित्र ग्रंथ है. गुरुजी अपनी पुस्तक ‘बंच ऑफ़ थॉट’ में सब कुछ लिख कर गए हैं. उसी रास्ते पर ही तो मोदी जी देश को आगे बढ़ा रहे हैं ! उनके सामने अभी नहीं तो कभी नहीं का सवाल है.

इसलिए पवन जी को तो प्रायश्चित करना चाहिए! कैसे मोदी जी की गोदी में बैठे नीतीश कुमार उनको अब तक सिद्धांतवादी और सेकुलर दिखाई देते रहे!!

... तो पढ़ लिया आपने पूरा लेटर। समझ ही गए होगे शिवानंद तिवारी ने नीतीश पर किस अंदाज में तंज कसा है। शिवानंद तिवारी इस दिनों अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए पुरानी बातों की खूब याद दिला रहे हैं। उनके हर पोस्ट में अमूमम निशाने पर सीएम नीतीश कुमार ही होते हैं। इस बार भी उन्होनें मौका देख कर चौका मारा है जेडीयू के पूर्व सांसद  पवन वर्मा के नीतीश के नाम लिखे गए लेटर को आधार बना कर नीतीश की घेराबंदी की है।  जेडीयू के अंदर मचे अंदरुनी घमासाने के बीच बाबा ने पवन वर्मा को इशारों ही इशारों में आरजेडी में आने का ऑफर भी दे दिया है।


बता दें कि दिल्ली में बीजेपी के साथ जाने के खिलाफ पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मैंने नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उनसे दिल्ली में बीजेपी के साथ किए गए गठबंधन के बारे में पूछा है। नागरिकता संशोधन एक्ट और एनआरसी के मुद्दे पर देश में लगातार विरोध हो रहा है।अपने खत में पवन वर्मा ने लिखा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब बिहार से बाहर पार्टी ने बीजेपी के साथ इस तरह का गठबंधन किया है। मैं इस फैसले से काफी आहत हुआ हूं और आपसे विचारधारा को लेकर सफाई मांगना चाहता हूं।


वहीं जेडीयू में मचे खटपट के बीच प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होनें जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशान्त किशोर और राज्य सभा के पूर्व सांसद पवन वर्मा के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से कार्रवाई करने की मांग की है।उन्होनें दोनों ही नेताओं की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पवन वर्मा के बारे में खासतौर पर टिप्पणी करते हुए उन्होनें कहा कि पार्टी को खड़ा करने में उनका कोई भूमिका रही नहीं है फिर भी पार्टी ने उन्हें राज्य सभा भेजा अब पार्टी के खिलाफ ही अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।