PATNA: JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के घेरने में फेरे में 23 परिवारों के डेटा को लीक कर दिया है. नीरज कुमार के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इसके बाद जेडीयू प्रवक्ता ने सफाई दी है, जो हास्यापस्पद नजर आ रही है.
बता दें कि बुधवार की सुबह जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के परिवार की जातीय गणना से संबंधित आंकड़ों को मीडिया के सामने पेश किया. नीरज कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के परिवार का पूरा डिटेल मीडिया के सामने दे दिया. जबकि राज्य सरकार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में बकायदा शपथ पत्र दे कर ये कह चुकी है कि जातीय गणना से संबंधित किसी भी व्यक्ति के निजी आंकड़े को किसी सूरत में सार्वजनिक नहीं किया जायेगा और ना ही उसकी जानकारी किसी को दी जायेगी.
नीरज कुमार द्वारा उपेंद्र कुशवाहा के पारिवारिक जानकारी को लीक किये जाने के बाद बिहार में बड़ा सियासी बवाल शुरू हो गया है. सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा कि नीरज कुमार के पास ये आंकड़े कैसे आ गये. ये कोर्ट की अवमानना है. इसके बाद नीरज कुमार ने सफाई दी है.
नीरज की सफाई पढ़िये
नीरज कुमार ने कहा है कि उनके द्वारा दी गयी जानकारी पब्लिक डोमेन में है. जो आस-पड़ोस के लोगों से भी पुष्टि होती है. जिसमें मकान संख्या, परिवार के प्रधान और घर परिवार के सदस्यों की संख्या बताई गयी है. इसलिए कोर्ट की अवहेलना की बात तर्कहीन है, सब कुछ पब्लिक डोमेन में है, इसमें निजता के उल्लंघन की बात कहां से आ गयी. उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ते हैं तो जानकारी देते हैं, वह भी पब्लिक डोमेन में है.
नीरज कुमार ने 23 परिवारों का आंकड़ा सार्वजनिक किया
नीरज कुमार जो सफाई दे रहे हैं, वह हास्यास्पद दिख रही है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार की ओर से बुधवार की सुबह मीडिया को जातीय गणना की रिपोर्ट का एक पन्ना भेजा गया. इसमें उपेंद्र कुशवाहा समेत 23 परिवारों का डिटेल है. इस कागज में 23 परिवार के क्रम संख्या, मकान संख्या, गृह स्वामी का नाम, उनके परिवार के सदस्यों की संख्या जैसी जानकारी है. खुद नीरज कुमार ने अपने बयान में ये भी बताया था कि जातीय गणना की रिपोर्ट में उपेंद्र कुशवाहा के परिवार का क्रम संख्या कितनी है. नीरज कुमार ये नहीं बता रहे हैं कि जातीय गणना की क्रम संख्या कौन से पब्लिक डोमेन में है.