ब्रेकिंग न्यूज़

Train News: रेलवे ने वेटिंग लिस्ट के समय में किया बड़ा बदलाव, अब टिकट चार्ट 24 घंटे पहले होगा तैयार Bihar Crime News: पूर्व मुखिया की बेरहमी से हत्या, दूसरे के घर से लाश बरामद Bihar News: वर्षों का इंतजार ख़त्म, 13.69 करोड़ की लागत से बिहार के इस शहर में नई फोरलेन सड़क का निर्माण Bihar Litchi: प्रदेश में 50% घटी लीची की पैदावार, छिन जाएगा सबसे बड़े उत्पादक राज्य का दर्जा? Lalu Yadav Birthday: राजद सुप्रीमो लालू यादव का 78वां जन्मदिन आज, पार्टी ने की खास तैयारियां Bihar Weather: राज्य को भीषण गर्मी से राहत जल्द, IMD का अलर्ट जारी गयाजी में 21 से 23 जून तक माता ललिता महायज्ञ का आयोजन, देश भर से श्रद्धालुओं का होगा आगमन VIDEO VIRAL: बाप बड़ा ना भईया सबसे बड़ा रूपया: पैसों को लेकर छपरा में जमकर मारपीट, महिला और बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ा GOPALGANJ: 8 साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या, दो आरोपियों को पुलिस ने दबोचा मधुबनी में बाइक चोर गिरोह का खुलासा: चोरी की 9 बाइक के साथ 3 गिरफ्तार

जिस पार्टी के विरोध में थे जवाहरलाल नेहरू.. राहुल गांधी ने उसे सेक्युलर बताया

1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Fri, 02 Jun 2023 08:26:24 PM IST

जिस पार्टी के विरोध में थे जवाहरलाल नेहरू.. राहुल गांधी ने उसे सेक्युलर बताया

- फ़ोटो

PATNA: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकता की बड़ी बैठक होने जा रही है और इस बैठक में भाग लेने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर हैं जहां उन्होंने संबोधन में एक बड़ी बात कही है। अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा है कि मुस्लिम लीग एक सेक्यूलर पार्टी है। इस बयान के बाद बीजेपी का कहना है कि जिस मुस्लिम लीग पर देश को बांटने का आरोप है आज उस मुस्लिम लीग को राहुल गांधी सेक्यूलर बता रहे हैं। हालांकि जिस मुस्लिम लीग पर भारत पाकिस्तान को बांटने का आरोप लगता है वह जिन्ना की मुस्लिम लीग थी जो भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद ही समाप्त हो गई थी। उसकी जगह पाकिस्तान में दो मुस्लिम लीग बना। पूर्वी पाकिस्तान में, ऑल पाकिस्तान अवामी मुस्लिम लीग पश्चिमी पाकिस्तान में मुस्लिम लीग और भारत के केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और आज वही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग केरल में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है।


कैसे हुई नई मुस्लिम लीग की स्थापना

दरअसल, मोहम्मद इस्माइल आजादी से ठीक पहले भारत में जिन्ना वाली मुस्लिम लीग के मद्रास प्रेसिडेंसी के अध्यक्ष हुआ करते थे। मोहम्मद इस्माइल जो मद्रास विधानसभा के सदस्य रहे, राज्यसभा सदस्य रहे,  साथ ही साथ कई बार लोकसभा सांसद चुने गए थे उन्हीं के द्वारा भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की स्थापना की गई थी जो आज केरल में कांग्रेस को समर्थन देती है। बंटवारे के बाद मोहम्मद इस्माइल पाकिस्तान नहीं गए और उन्होंने हिंदुस्तान में एक नई मुस्लिम लीग की स्थापना करने का फैसला लिया लेकिन लोग उनके समर्थन में नहीं आ रहे थे क्योंकि देश विभाजन के बाद लोगों की नजर में हिंसा की वो तमाम घटनाएं और दृश्य चुभ रही थी लेकिन इन तमाम विरोध के बावजूद 1948 में मोहम्मद इस्माइल ने नई पार्टी बनाने के मकसद से बैठक की हालांकि उस बैठक में जिन्ना वाली मुस्लिम लिग के बहुत कम सदस्य ही शामिल हुए लेकिन बैठक में मोहम्मद इस्माइल ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग बनाने का फैसला लिया। आजाद भारत में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की जगह ले ली इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने जो कि जिन्ना की पार्टी से बिल्कुल अलग थी। शुरुआत से ही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सदस्यों की मौजूदगी लोकसभा में रही। केरल और तमिलनाडु की राजनीति में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की एक मजबूत पकड़ है और उन्हें राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा भी प्राप्त है।


नेहरू ने बनाई दूरी

उस वक्त देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी मोहम्मद इस्माइल के इस फैसले के विरोध में थे,  नेहरू भी देश में एक नई मुस्लिम लीग के नाम पर पार्टी बनाए जाने का खुल कर विरोध कर रहे थे। नेहरू ने साफ तौर पर कह दिया था कि भारत में कट्टरपंथी आंदोलन के लिए कोई जगह नहीं है, सरकार ऐसे फैसलों को गंभीरता से लेगी और ऐसी मानसिकता को, प्रयासों को कुचलने का काम करेगी। हालांकि वर्तमान परिदृश्य में  वही मुस्लिम लीग केरल में कांग्रेस के साथ गठबंधन में है।