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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 29 Mar 2023 06:31:00 PM IST
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NALANDA: जहानाबाद पुलिस ने एक युवक को महज इस बात के लिए गोली मार दी कि उसके पास ना तो हेलमेट था और ना ही ड्राइविंग लाइसेंस। युवक अस्पताल में जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहा है। लेकिन यदि यही गलती पुलिस करती है तो इसे क्या कहेंगे। नालंदा में फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस ने हेलमेट लगाना तक मुनासिब नहीं समझा। क्योंकि कानून तो उनके पास है। उन्हें कानून का क्या डर?
हम बात नालंदा जिले की कर रहे हैं। जहां रामनवमी को लेकर डीएम और एसपी के नेतृत्व में बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र मैदान से फ्लैग मार्च निकाला गया। जिसमें दर्जनों बाइक पर सवार होकर पुलिसकर्मी फ्लैग मार्च में शामिल हुए। लेकिन इस दौरान एक भी पुलिसकर्मी हेलमेट लगाए नहीं दिखा। पुलिस के आलाधिकारी भी उस वक्त मौजूद थे।
बता दें कि मंगलवार को ही जहानाबाद में नालंदा के रहने वाले युवक सुधीर को हेलमेट नहीं पहनने की सजा पुलिस ने दी थी। पुलिस ने युवक को गोली मारी थी। लेकिन सवाल यह उठता है की जो पुलिसकर्मी सड़क पर बाइक चला रहे हैं क्या इनके लिए हेलमेट जरूरी नहीं है। बिना हेलमेट के बाइक चलाने का परमिशन आखिर इन्हें किसने दिया। ऐसा लगता है कि पुलिस वाले यह सोच रहे होंगे कि हमारे पास तो वर्दी है। हमारा कौन क्या बिगाड़ लेगा। ऐसे में कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजमी है।