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कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण, जानिए कैसा है यह संयोग

1st Bihar Published by: Updated Wed, 17 Nov 2021 10:20:17 AM IST

कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण, जानिए कैसा है यह संयोग

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DESK: साल 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण इसी हफ्ते ही 19 नवंबर को लगने वाला है.  इस दिन लगने वाला ग्रहण कार्तिक शकल पूर्णिमा को गंगा स्नान होगा. आपको बता दे कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है. कार्तिक पूर्णिमा का यह उत्सव पांच दिनों तक चलता है. यह प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुरू होता है और पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.



कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 19 नवंबर शुक्रवार को कृत्तिका नक्षत्र, परिघ योग व वृष लग्न में इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण लग रहा है.यह कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला आंशिक चंद्र ग्रहण पिछले 600 वर्षों में सबसे लंबे समय का चंद्र ग्रहण है. यह चंद्रग्रहण खंडग्रस्तोदित चंद्रग्रहण होगा. जिसे ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण को अशुभ माना जाता है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह चंद्रग्रहण खण्डग्रस्तोदित होने की वजह से इसका कोई विशेष धार्मिक महत्व नहीं होगा. 



हालाकिं कृत्तिका नक्षत्र में होने से यह चंद्रग्रहण वृष राशि और कृत्तिका नक्षत्र में होने से ग्रहण का ज्यादा प्रभाव इसी राशि और नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण में गंगा स्नान सुबह माना जाता है जिससे अनंत फल की प्राप्ति होती है. इसीलिए ग्रहण के बाद से स्नान एवं घरों गंगाजल से छिड़काव किया जाता है.


चंद्रग्रहण का समय काल

भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने पंचागों के हवाले से बताया कि इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण दोपहर 12:48 बजे से आरंभ होकर शाम 04:17 बजे खत्म हो जाएगा. वही इस ग्रहण का मध्य दिन दोपहर 02:33 बजे होगा. साल के दूसरे खण्डग्रस्तोदित चंद्रग्रहण की अवधि करीबन 03 घंटे 29 मिनट का रहेगी. 



ज्योतिषों के मुताबिक, यह चंद्रग्रहण भारत की सुदूर पूर्वी सीमा पर दिखेगा. ग्रहण काल में परिस्थितियां ऐसी बनेंगी कि जिस समय ग्रहण का स्पर्श और अंत समय रहेगा, उस समय भारतीय दृश्यकाश से चन्द्रमा दिखाई नहीं देगा, क्योंकि दोपहर का समय रहेगा. ज्योतिषशास्त्र में ऐसे ग्रहण को ग्रस्तोदित ग्रहण माना गया है. भारत के सुदूर पूर्वी क्षितिज या अरुणाचल प्रदेश के अलावा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, रूस और चीन में देखा जायेगा ग्रहण जहां दिखाई पड़ता है, उसका फलाफल भी वहीं लगता है.