केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने राज्यों के विद्युत मंत्रियों के साथ की बैठक, "पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना" पर हुई चर्चा

केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने राज्यों के विद्युत मंत्रियों के साथ की बैठक, "पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना" पर हुई चर्चा

DESK: केंद्रीय विद्युत मंत्री आर.के.सिंह ने राज्यों के विद्युत मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। विद्युत क्षेत्र की सबसे बड़ी योजना ‘पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना’ पर सर्वसम्मति बनाने पर चर्चा की गयी। इस दौरान विद्युत उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सेवाओं को सुविधाजनक और बेहतर बनाने, बिजली नेटवर्क के आधुनिकीकरण,मजबूतीकरण, वित्तीय व्यवहार्यता जैसे विषयों पर समीक्षा की गयी। 


केंद्रीय विद्युत मंत्री आर.के.सिंह ने रेखांकित किया कि योजना का वित्त पोषण बिजली वितरण कंपनियों में परिचालन और वित्तीय सुधार से जुड़ा होगा। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों/ राज्यों को उनकी आवश्यकता के आकलन के आधार पर स्वयं डीपीआर तैयार करने का अधिकार है। आर.के. सिंह ने मंत्रियों से अपने राज्यों को कृषि फीडरों के सौरकरण के लिए पीएम-कुसुम योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। वही राज्य के ऊर्जा मंत्रियों ने योजना में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की। हाल ही में शुरू की गई 'सुधार-आधारित और परिणाम-लिंक्ड, पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना' को लेकर सर्वसम्मति बनाने और चिंताओं को दूर करने के लिए केंद्रीय बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों/ सलाहकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक की।


आरके सिंह ने बताया कि बिजली की बढ़ती मांग के कारण वितरण ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाना होगा। उन्होंने इस योजना को एक बॉटम-अप योजना के रूप में तैयार किया गया है और बिजली वितरण कंपनियों/राज्यों को नुकसान कम करने के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए अपनी जरूरत के आकलन के आधार पर अपनी डीपीआर तैयार करने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वितरण कंपनियों द्वारा सिस्टम संवर्धन, सब स्टेशनों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण आदि जैसे कार्य भी किए जा सकते हैं।


आरके सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि योजना का वित्त पोषण बिजली वितरण कंपनियों  में परिचालन और वित्तीय सुधार से जुड़ा होगा। उन्होंने विस्तार से बताया कि बिजली वितरण कंपनियों द्वारा नुकसान में कमी कोई मुश्किल काम नहीं है और घाटे को कम करने के लिए, वे बिलिंग दक्षता में सुधार, संग्रह क्षमता में वृद्धि, सरकारी विभागों द्वारा बिजली की खपत के लिए समय पर भुगतान सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। 


मंत्री ने योजना के एक अन्य महत्वपूर्ण विषय पर प्रकाश डाला। जिसमें सभी सरकारी विभागों और कार्यालयों, अमृत शहरों, सभी केंद्र शासित प्रदेशों, उच्च नुकसान वाले क्षेत्रों, कृषि उपभोक्ताओं के अलावा वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को 10 करोड़ स्मार्ट मीटर देने की प्राथमिकता की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पर्याप्त धन उपलब्ध है, और योजना और कार्यान्वयन में ईमानदारी के साथ, देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक परिचालन कुशल और वित्तीय रूप से टिकाऊ बिजली वितरण क्षेत्र विकसित किया जा सकता है।


आर के सिंह ने मंत्रियों से अपने राज्यों को कृषि फीडरों के सौरकरण के लिए पीएम-कुसुम योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। कृषि फीडरों के सौरकरण से किसानों को पहले दिन से ही मुफ्त या बहुत कम कीमत पर बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है। राज्यों को कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत के लिए उनके द्वारा भुगतान की जा रही सब्सिडी की भारी राशि की बचत होगी। इसके अलावा, रूफटॉप सोलर को भी पर्यावरण के अनुकूल तरीके से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।


राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों ने बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने योजना में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की और मंच को अपनी तैयारियों से अवगत कराया। योजना की रूपरेखा के संबंध में भी स्पष्टीकरण दिया गया। जबकि राज्य अपनी तैयारियों और चुनौतियों पर अलग से स्टेटस नोट भेजेंगे, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने भी योजना को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ एक-एक बैठक की पेशकश की। 3,03,758 करोड़ रुपये के परिव्यय और 97,631 करोड़ रुपये के केंद्र सरकार से अनुमानित सकल बजटीय सहायता के साथ सुधार-आधारित और परिणाम-लिंक्ड, पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना शुरू की गई है। नेटवर्क सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण, वित्तीय व्यवहार्यता और बेहतर उपभोक्ता सेवा और सुविधा इस योजना के प्रमुख पहलू हैं।