मुंडेश्वरी कॉलेज फॉर टीचर एजुकेशन में सेमिनार, डॉ. मोहम्मद शरीफ ने दी विस्तृत जानकारी समस्तीपुर में बोले मुकेश सहनी..बिहार पुलिस जनता की रक्षक नहीं भक्षक बन चुकी है नीतीश के गांव कल्याण बिगहा से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत, 11 मई से जन सुराज पार्टी चलाएगा यह मुहिम BIHAR: जमुई में पाकिस्तानी समर्थक गिरफ्तार, इंस्टाग्राम पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखना पड़ गया महंगा पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब: कर्नल सोफिया बोलीं..PAK ने हमले की कोशिश की तब हमने लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ाया हैदराबाद में कराची बेकरी के नाम पर विवाद: शॉप का नाम बदलने की मांग, मालिक ने कहा..हम भारतीय ब्रांड हैं, पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं Bihar News: बिहार के इस कस्बे को मिला शहर का दर्जा, बना नया नगर पंचायत; अब मिलेगी शहरी सुविधाएं PATNA: पटना पहुंचे बीजेपी बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, दिलीप जायसवाल ने किया स्वागत यात्रियों के लिए खुशखबरी! तीर्थ स्थलों का भ्रमण कराएगी भारत गौरव ट्रेन, 33% छूट पर धार्मिक यात्रा का आनंद SAHARSA: सड़क हादसे में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद हंगामा, मुख्य सड़क को लोगों ने किया जाम
1st Bihar Published by: Updated Thu, 14 Apr 2022 06:34:28 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: देश भर के केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों और जिलाधिकारियों के कोटे से होने वाले एडमिशन पर रोक लगा दिया गया है. केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से उनके कोटे से एडमिशन पर रोक लगा दिया है. गौरतलब है कि सुशील मोदी ने राज्यसभा में जोर शोर से ये मांग उठायी थी कि कोटे से होने वाले एडमिशन पर तत्काल रोक लगायी जाये.
बता दें कि केंद्रीय विद्यालयों में हरेक सांसद के कोटे से 10 एडमिशन होता है. वहीं स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन स्थानीय जिलाधिकारी या कमिश्नर होते हैं. उनके कोटे से हर साल 17 छात्र-छात्राओं का एडमिशन होता है. इस तरीके से पूरे देश के केंद्रीय विद्यालयों में हर साल सांसदों के कोटे से लगभग 7500 और जिलाधिकारी या कमिश्नर के कोटे से लगभग 22 हजार एडमिशन होता है. केंद्रीय विद्यालयों में हर साल लगभग 30 हजार एडमिशन कोटे से होता रहा है.
बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के फैसले से हर साल एससी-एसटी, ओबीसी कोटे के 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. सुशील मोदी ने कहा कि वे सांसद-कलक्टर कोटे से दाखिला बंद करने की लगतारा मांग करते रहे हैं औऱ सदन में भी यह मामला उठाया था. उन्होंने कहा है कि कोटे से होने वाले एडमिशन में न तो आरक्षण के नियमों का पालन होता है और न ही योग्यता को आधार बनाया जाता है. अब एडमिशन को कोटा मुक्त करने से आरक्षण और योग्यता के आधार पर नामांकन के लिए एक झटके में 30 हजार सीटें बढ़ जायेंगी.
सुशील मोदी ने कहा कि इससे सांसदों को भी फायदा होगा. ये कोटा सांसदों से लोगों की नाराजगी का कारण बन गया था. कोई सांसद अपने कोटे सिर्फ दस एडमिशन करा सकता था. लेकिन उनके पास एडमिशन के लिए सैकडो लोग पहुंचते थे. ऐसे में जिनका एडमिशन नहीं हो पाता था वे सांसद से नाराज होते थे.