ब्रेकिंग न्यूज़

एक्टर प्रेम चोपड़ा की तबीयत बिगड़ी, मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती दिल्ली ब्लास्ट पर बोले तेजस्वी यादव, "देश की राजधानी में ऐसा विस्फोट चिंताजनक, केंद्र सरकार दोषियों पर करे सख्त कार्रवाई" दिल्ली में ब्लास्ट के बाद LNJP हॉस्पिटल पहुंचे अमित शाह, घायलों से की मुलाकात फेसबुक पर LIVE आकर तेजस्वी यादव ने की अपील, “20 साल NDA को मिला, बस 20 महीने हमें दीजिए” दिल्ली धमाके में अब तक 10 लोगों की दर्दनाक मौत, दो दर्जन लोग घायल, PM मोदी ने की अमित शाह से बात दिल्ली धमाके के बाद बिहार में हाई अलर्ट, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिल्ली कार ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत की पुष्टि, 12 घायल, इलाके में मची अफरा-तफरी Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले RJD उम्मीदवार का समर्थक 3 लाख कैश के साथ अरेस्ट, मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले RJD उम्मीदवार का समर्थक 3 लाख कैश के साथ अरेस्ट, मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप Bihar Crime News: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले बड़ा एक्शन, नकली नोट और हेरोइन के साथ पकड़ा गया नाबालिग

खतरे में उपेंद्र कुशवाहा और अशोक चौधरी की सदस्यता! बिहार के इन 12 MLC की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

1st Bihar Published by: Updated Tue, 07 Sep 2021 07:34:14 PM IST

खतरे में उपेंद्र कुशवाहा और अशोक चौधरी की सदस्यता! बिहार के इन 12 MLC की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

- फ़ोटो

PATNA: उपेंद्र कुशवाहा, अशोक चौधरी, जनक राम, देवेश कुमार समेत बिहार के 12 एमएलसी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बिहार में राज्यपाल कोटे से मनोनीत किए गए 12 विधान पार्षदों के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर आज पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की।


वरीय अधिवक्ता बसंत चौधरी की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मनोनीत किए गए विधान पार्षद को राजनीतिज्ञों को समाजसेवी माना जाए या नहीं? इस मामले पर अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।  


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बसंत चौधरी ने बताया कि इस तरह के मामले में भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत सामाजिक कार्यकर्ता, कलाकार, वैज्ञानिक, साहित्यकार व सहकारिता आंदोलन से जुड़े हुए विशिष्ट लोगों का मनोनयन हो सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और विशिष्ट होना चाहिए। लेकिन इन सब बातों को अनदेखा किया गया है।


याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बसंत चौधरी ने कोर्ट को बताया कि मनोनीत किए गए सदस्यों में कोई पार्टी का अधिकारी है। तो कोई अध्यक्ष। जिन लोगों को मनोनीत किया गया है वे न तो साहित्य से जुड़े हैं नही वैज्ञानिक है और ना ही कलाकार। ऐसे में यह संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन है। सभी मापदंडों को अनदेखा करते हुए यह फैसला लिया गया है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता से पिछ्ली सुनवाई में यह पूछा था कि क्या मनोनीत किए गए एमएलसी में कोई राज्य के मंत्री पद पर है? 


विधान पार्षद के रूप में जदयू नेता अशोक चौधरी, JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जनक राम, निवेदिता सिंह, घनश्याम ठाकुर, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, संजय सिंह, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ और डॉ. राम वचन राय का मनोनयन राज्यपाल के कोटे से किया गया है। ऐसे में बिहार के 12 एमएलसी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले पर 13 सितंबर को फैसला लिया जाएगा।