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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Sat, 02 Dec 2023 03:43:53 PM IST
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PATNA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पिछले दिनों नवनियुक्त शिक्षकों को चेतावनी देने हुए कहा थी कि सरकार ने उन्हें शिक्षक के तौर पर बहाल किया है अगर उनमें क्रांति का कीड़ा है तो वे उसे तुरंत हटा दें नहीं तो विभाग उन्हें हटाने का काम करेगा। कम्युनिस्ट पार्टी के एमएलसी संजय कुमार सिंह का पेंशन रोके जाने पर भड़के माले विधायक संदीप सौरभ ने इसको लेकर बिहार सरकार और के के पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
माले विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष संदीप सौरभ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर विभाग के अंदर लोकतंत्र को कुचलने का आरोप लगाते हुए सरकार से मांग की है कि ऐसे अधिकारी को विभाग से तुरंत हटाया जाए। हाल के दिनों में शिक्षा विभाग का जो निर्देश आया है कि कोई शिक्षक संगठित नहीं हो सकते हैं, सरकार की नीतियों पर अपने विचारों की अभिव्यक्ति नहीं कर सकते हैं, जो सीधे तौर पर मौलिक अधिकार का हनन है।
उन्होंने कहा कि संविधान में आर्टिकल 19.1.C भारत के सभी नागरिकों को संगठित होने और अपने विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देती है। विशेष परिस्थिति में ही लोगों को संगठित होने से रोका जाता है, ऐसे में वह शिक्षा विभाग से जानना चाहते हैं कि ऐसी कौन सी विषम परिस्थिति आ गई है कि शिक्षकों के मौलिक अधिकार को छीन लिया गया है। शिक्षक समाज के प्रबुद्ध लोग होते हैं और समाज के निर्माण में शिक्षकों की मुख्य भूमिका लोकतंत्र में अति आवश्यक है।
माले विधायक ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक जो राजनीति में हैं और इतिहास रहा है कि कई बार देश की बड़ी निर्णय में अपनी मुखर भूमिका के कारण अंजाम तक पहुंचाया हैं, उनकी अभिव्यक्ति पर भी दमनात्मक कार्रवाई हो रही है जो निंदनीय है और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। कम्युनिस्ट पार्टी के एमएलसी संजय कुमार सिंह विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के सक्रिय नेता हैं, समाचार पत्रों में उनकी टिप्पणी पर विभाग ने उनके पेंशन रोक दिया है जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक काम है। इस प्रकार के तमाम निर्णय को वापस लिया जाए और शिक्षा विभाग की आला अधिकारियों को दूसरे विभाग में ट्रांसफर किया जाए।