ब्रेकिंग न्यूज़

Voter Adhikar Yatra: ललन और सिन्हा के गढ़ में आज राहुल दिखाएंगे अपनी ताकत, इन चीजों पर रहेगी ख़ास नजर Bihar Water Metro: बिहार के लोगों को मिलने जा रही एक और बड़ी सौगात, पटना से इस जगह के लिए जल्द शुरू होगी वाटर मेट्रो Bihar Water Metro: बिहार के लोगों को मिलने जा रही एक और बड़ी सौगात, पटना से इस जगह के लिए जल्द शुरू होगी वाटर मेट्रो TEJPRATAP YADAV : पांच जयचंदों में से एक ने छोड़ा बिहार .., तेजप्रताप ने किसको लेकर किया इशारा Bihar Crime News: प्रेग्नेंट पत्नी ने मायके में कर दिया कौन सा खेल? पति ने उठा लिया खौफनाक कदम Rajballabh Yadav : पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को एक और मामले में बड़ी राहत, जानिए कोर्ट का फैसला Bihar News: फ्री बिजली योजना के नाम पर बिहार में बड़ा साइबर फ्रॉड, 7 लोगों के साथ 11 लाख की ठगी क्यों कम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहीं Samantha Ruth Prabhu? फैंस की चिंता के बीच एक्ट्रेस ने बताई असली वजह Special Trains: दिवाली-छठ को लेकर हजारों स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, किराए में भी मिलेगी जबरदस्त छूट UPSC Mains: भूलकर भी न करें UPSC Mains की तैयारी में ये गलतियां, नहीं तो हो सकता है नुकसान; जानें... आंसर राइटिंग का सही तरीका

केके पाठक से बीजेपी को कितना जलील करायेंगे नीतीश? पाठक ने कहा- राज्यपाल को मुझसे बात करने का अधिकार नहीं, अराजकता फैला रहे हैं चांसलर

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Apr 2024 06:53:50 PM IST

केके पाठक से बीजेपी को कितना जलील करायेंगे नीतीश? पाठक ने कहा- राज्यपाल को मुझसे बात करने का अधिकार नहीं, अराजकता फैला रहे हैं चांसलर

- फ़ोटो

PATNA: बिहार के  मुख्यमंत्री तक को हैसियत दिखा चुके केके पाठक ने अब राज्यपाल को औकात बतायी है. केके पाठक ने चिट्ठी लिखी है-राज्यपाल को शिक्षा विभाग से बात करने का अधिकार नहीं है. राज्य के विश्वविद्यालयों के चांसलर एक सामान्य अधिकारी हैं, ठीक वैसे ही जैसे कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर जैसे अधिकारी होते हैं. राज्यपाल यानि चांसलर शिक्षा विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता है. केके पाठक ने कहा है कि राज्यपाल यूनिवर्सिटी  में अराजकता फैला रहे हैं.


बता दें कि राज्यपाल किसी राज्य के संवैधानिक प्रमुख होते हैं. बिहार में ऐसा पहला मौका होगा जब राज्यपाल को किसी अधिकारी ने हैसियत बतायी हो. केके पाठक ने सीधे राज्यपाल को ही औकात बता दी है. दरअसल, केके पाठक बार-बार बिहार के यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की बैठक बुला रहे हैं लेकिन राज्यपाल ही बिहार के यूनिवर्सिटी के प्रमुख होते हैं. राज्यपाल ने कुलपतियों को केके पाठक की बैठक में जाने से रोक दिया था. इसके बाद केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर सीधे महामहिम राज्यपाल पर ही हमला बोला है.


केके पाठक की चिट्ठी

दरअसल, बिहार के यूनिवर्सिटी के कामकाज में शिक्षा विभाग के बार-बार के हस्तक्षेप पर राज्यपाल के प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था. केके पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को जवाब भेजकर सीधे राज्यपाल को ही हैसियत बता दिया है. पाठक ने राज्यपाल के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि वे यह स्पष्ट करें कि राज्यपाल के प्रधान सचिव के रूप में वे राज्यपाल या कुलाधिपति के निर्देशों से अवगत करा रहे हैं. पाठक ने कहा है कि यदि निर्देश  राज्यपाल की ओर से हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री या शिक्षा विभाग के मंत्री से बात करना चाहिये. राज्यपाल को राज्य सरकार के अधिकारियों से सीधे संवाद नहीं करना चाहिये.


चांसलर एक सामान्य अधिकारी है

बता दें कि राज्यपाल बिहार के सारे यूनिवर्सिटी के चांसलर यानि कुलाधिपति होते हैं. केके पाठक ने चांसलर की औकात बतायी है. पाठक ने अपने पत्र में कहा है यदि प्रधान सचिव कुलाधिपति के निर्देशों से अवगत करा रहे हैं, तो इस विभाग को शिक्षा विभाग के मामलों में कुलाधिपति के हस्तक्षेप पर बहुत गंभीर आपत्ति है.


केके पाठक ने कहा कि बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत चांसलर यानि कुलाधिपति को कोई खास अधिकार नहीं है. वह  कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन, प्रॉक्टर आदि जैसे अन्य अधिकारियों के जैसा ही एक "विश्वविद्यालय का अधिकारी" है और इसलिए वह शिक्षा विभाग को कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता है.


केके पाठक ने कहा है कि  कुलाधिपति को शिक्षा विभाग के निर्देशों के खिलाफ विश्वविद्यालय के किसी अधिकारी को कोई निर्देश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. केके पाठक ने कहा है कि कुलाधिपति ने कुलपतियों को शिक्षा विभाग द्वारा आहूत बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी. राज्यपाल के प्रधान सचिव ये स्पष्ट करें कि किस नियम के तहत कुलपति को किसी भी बैठक में भाग लेने के लिए कुलाधिपति की अनुमति लेनी होती है. इसके अलावा किस नियम के तहत कुलाधिपति ने ऐसी अनुमति देने से इनकार कर दिया.


राज्यपाल ने हस्तक्षेप कैसे किया

केके पाठक ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राज्यपाल के प्रधान सचिव ने  21/12/2023 को पत्र लिखकर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है. इसलिए राज्यपाल के प्रधान सचिव ये बतायें कि कानून के किन प्रावधानों के तहत कुलाधिपति कार्यालय प्राथमिक/माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामलों से निपटने का हकदार है.


अराजकता फैला रहे हैं राज्यपाल

केके पाठक ने अपने पत्र में लिखा है कि कोई भी कानून चांसलर को विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच विद्रोही व्यवहार को भड़काने और पूर्ण अराजकता पैदा करने की अनुमति नहीं देता है.  कुलाधिपति विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को विभाग की अवहेलना करने के लिए नहीं कह सकते. ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि आप शिक्षा विभाग के मामलों में हस्तक्षेप करने से बचें.