ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा राज्य निर्वाचन आयोग, पटना में शुरू हुआ BLA का प्रशिक्षण Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा राज्य निर्वाचन आयोग, पटना में शुरू हुआ BLA का प्रशिक्षण CBSE 10th & 12th Result Update: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के रिजल्ट, इन वेबसाइट पर देखें नतीजे Bihar Politics: ‘अपने तेजू भैया तो बहुरूपिया को भी शरमा देते हैं’ तेजप्रताप यादव पर मांझी की बहू का तीखा तंज Bihar Politics: ‘अपने तेजू भैया तो बहुरूपिया को भी शरमा देते हैं’ तेजप्रताप यादव पर मांझी की बहू का तीखा तंज Bihar News: बिहार के इन पांच जिलों में होगी मैट्रिक के स्पेशल एग्जाम की कॉपियो का मूल्यांकन, BSEB ने जारी की लिस्ट Bihar Toll Plaza: बिहार के इस जिले में हाईवे पर चलना होगा महंगा, अब देना होगा टोल टैक्स – DM ने जारी किया आदेश Success Story: कभी छक्का कहकर मजाक उड़ाते थे लोग, अब बिहार पुलिस में सेवा देगी ट्रांसजेंडर दिव्या ओझा India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर ज्योतिषी ने कर दी बड़ी भयंकर भविष्यवाणी, जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर ज्योतिषी ने कर दी बड़ी भयंकर भविष्यवाणी, जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे

कृषि बिल का विरोध : पूर्व CM के घर के बाहर किसान ने खाया जहर, हालत गंभीर

1st Bihar Published by: Updated Fri, 18 Sep 2020 11:03:31 AM IST

कृषि बिल का विरोध : पूर्व CM के घर के बाहर किसान ने खाया जहर, हालत गंभीर

- फ़ोटो

DESK : केंद्र सरकार के कृषि बिल के खिलाफ लगातार किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सरकार के खिलाफ अब हरियाणा और पंजाब के किसान सड़कों पर उतर आए है.  गुस्साए किसानों की मांग है कि कृषि से जुड़े तीन बिल को वापस लिया जाए. 

इसी का विरोध करते हुए आज पंजाब के मुक्तसर स्थित बादल गांव में  प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने जहर खा लिया. धरना दे रहे किसान ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर ही जहर पी लिया और जान देने की कोशिश की. 

जहर पीने वाला किसान मानसा के अकाली गांव का रहने वाला प्रीतम सिंह है. जिसके बाद उसे आनन-फानन में गांव के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बठिंडा के मैक्स हॉस्पिटल में ले जाया गया है.पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले तीन महीने से इन अध्यादेशों का पुरजोर विरोध कर रहे हैं. हालांकि मोदी सरकार इन्हें किसान हितैषी बता रही है और अपने स्टैंड पर कायम है.