PATNA: जेडीयू में जारी खींचतान के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज अलग ही दावा कर दिया. ललन सिंह ने आज कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी की संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष है ही नहीं. वे सामान्य एमएलसी हैं. ललन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए ये दावा तो कर दिया लेकिन हकीकत ये है कि वे नीतीश कुमार के साथ साथ खुद की बातों को ही झुठला रहे हैं. जानिये क्या है हकीकत..
दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के कार्यकर्ताओं की बैठक बुला ली है. इसके बाद पार्टी में खलबली मची है. नीतीश कुमार ने कहा-उपेंद्र कुशवाहा को पर्याप्त सम्मान दिया, लेकिन वे अलग रास्ते पर हैं. ऐसे में जिसको जहां जाना है जाये. लेकिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अलग ही दावा कर दिया. मीडिया से बात करते हुए ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के किसी पद पर नहीं है. ललन सिंह ने कहा-जनता दल यूनाईटेड में सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हुआ है. पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का तो कोई चुनाव ही नहीं हुआ है। संसदीय बोर्ड का कोई अध्यक्ष नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ एक MLC हैं।
जानिये ललन सिंह के दावों की हकीकत
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह 5 दिसंबर को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये थे. ललन सिंह कह रहे हैं कि अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी की कोई कमेटी ही नहीं बनी है. लेकिन उनके निर्वाचन के बाद 10 और 11 दिसंबर को पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. उसमें उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की हैसियत से भाग लिया. खुद नीतीश कुमार औऱ ललन सिंह ने उन्हें संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष कह कर संबोधित किया।
इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के सारे कार्यक्रमों में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में शामिल होते रहे. 16 दिसंबर को पटना में जेडीयू विधायक दल की बैठक हुई. उसमें भी उपेंद्र कुशवाहा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष की हैसियत से नीतीश कुमार के साथ मंच पर मौजूद थे. फर्स्ट बिहार के पास जेडीयू की ओर से जारी कई प्रेस विज्ञप्ति है, जिसमें उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बताया गया है. जेडीयू ने अपने प्रदेश कार्यालय में ऐसे कई कार्यक्रम किये जिसमें संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
क्या बेचैनी में है जेडीयू?
अब सवाल ये उठता है कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सच को झूठ साबित करने में क्यों लगे हैं. क्या उपेंद्र कुशवाहा से जेडीयू में बेचैनी है. जेडीयू के अंदरखाने में हो रही चर्चा के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा की बगावत से पार्टी में भारी बेचैनी है. नीतीश औऱ ललन सिंह दोनों ये बात जानते हैं कि उनकी पार्टी के जो भी कार्यकर्ता हैं उनका माइंडसेट राजद विरोधी है. नीतीश कुमार राजद विरोधी वोट के सहारे ही इतने दिनों तक राज करते आये हैं. ऐसे में डर इस बात का है कि उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में बड़ी सेंध लगा सकते हैं. तभी उनके खिलाफ हर स्तर पर हमले की रणनीति बनायी गयी है।