Bihar News: रंगदारी और मारपीट के आरोप मामले में थानाध्यक्ष निलंबित, एसडीपीओ की जांच रिपोर्ट के आधार हुई कार्रवाई Bihar Police: बिहार में अब थानाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे ऐसे पुलिस अफसर, मुख्यालय ने जारी किया नया फरमान Bihar News: इस जिले में बनेगा शानदार फोरलेन, 17 KM लंबे रिंग रोड का भी होगा निर्माण Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक और बाघिन की मौत, पिछले कुछ वर्षों में हुआ इतने बाघों का नुकसान Bihar corruption news:यहाँ कोई झुग्गी नही ... फिर भी पास हो गए 49 करोड़! फर्जीवाड़े का खुलासा ,निगरानी में केस दर्ज Bihar crime news: पटना में फिल्मी अंदाज में मर्डर... बाइक से घेरकर युवक को गोली मारी Bihar News: 32 साल पुराने मामले में पूर्व आयकर इंस्पेक्टर भगोड़ा घोषित, कोर्ट ने जारी किया स्थायी लाल वारंट Bihar Monsoon 2025: राज्य में मानसून की दस्तक जल्द, IMD की नई अपडेट जारी Bihar crime : मुजफ्फरपुर में व्यवसायी से 15 लाख की लूट, CCTV में कैद हुई वारदात MIvsDC: दिल्ली को रौंद मुंबई ने हासिल किया प्लेऑफ टिकट, यह खिलाड़ी रहा जीत का असली हीरो
1st Bihar Published by: Updated Fri, 13 Aug 2021 04:49:33 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा की हत्या के 46 साल बाद उनके परिवार की याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट में सुनवाई होगी. यह सुनवाई अभियुक्त आनंद मार्गियों की अपील और ललित बाबू के परिवार की याचिका पर एक साथ होगी. इसको लेकर दिल्ली हाइकोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है. ललित बाबू हत्याकांड की दोबारा जांच के लिएउनके परिवार के लोगों ने सीबीआई को रिप्रजेंटेशन दिया था, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि इस हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त सहित कुछ लोगों को बचाया गया है. इसके कारण उन लोगों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पायी.
सीबीआई को दिए रिप्रजेंटेशन में कहा गया है कि जो मुख्य आरोपित हैं, उनके नाम इस केस में आये ही नहीं हैं, इसलिए सीबीआई दोबारा जांच कर मामले की तह तक जाये, क्योंकि तब बहुत सारी बातें आयी थीं और सीबीआई की उस जांच पर परिवार तो दूर आम लोगों को भी भरोसा नहीं हुआ था.
ललित बाबू के पोते वैभव मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सीबीआई से इस केस की दोबारा जांच करने की मांग को रिप्रजेंटेशन दिया है, लेकिन सीबीआई उसे न स्वीकार कर रहा है और न ही रिजेक्ट कर रहा है. इसी को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका लगे गई है, जिस पर हाइकोर्ट ने आनंद मार्गियों की याचिका के साथ ही इस पर भी सुनवाई करने का फैसला सुनाया है.
वैभव मिश्रा ने कहा कि कोर्ट से रिक्वेस्ट किया गया है कि सीबीआई को जो रिप्रजेंटेशन दिया गया है, उस पर कार्रवाई करने का निर्देश दे. चूंकि आनंद मार्गियों और अन्य अभियुक्तों की अपील हाइकोर्ट में पेंडिंग है, इसलिए अब मिश्रा परिवार की याचिका और आनंद मार्गियों का अपील एक साथ सुना जायेगा.
आपको बता दें कि समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर बम विस्फोट में पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की हत्या के करीब 40 साल बाद दिसंबर, 2014 में दिल्ली की एक अदालत ने मिश्रा और दो की हत्या और साजिश रचने के आरोप में तीन आनंद मार्गियों और एक वकील को सजा सुनाई थी.
2 जनवरी 1975 को हुए विस्फोट के एक दिन बाद ललित बाबू की मृत्यु हो गयी थी. इसमें संतोषानंद अवधूत, सुदेवानंद अवधूत, गोपाल जी और अधिवक्ता रंजन द्विवेदी को दोषी ठहराया गया. लेकिन ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद अभियुक्तों ने 2015 में हाइकोर्ट में अपील याचिका दायर की.