ब्रेकिंग न्यूज़

ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें Bihar News: JCB से टक्कर के बाद बाइक में लगी आग, झुलसने से युवक की दर्दनाक मौत Bihar News: सड़क हादसे में BPSC टीचर और उसके नवजात बच्चे की मौत, पांच शिक्षकों की हालत नाजुक Bihar News: सड़क हादसे में BPSC टीचर और उसके नवजात बच्चे की मौत, पांच शिक्षकों की हालत नाजुक

कभी शिवसेना के कट्टर विरोधी थे लालू यादव, अब उद्धव और तेजस्वी हैं एक दूसरे के मुरीद

1st Bihar Published by: Updated Sat, 14 Nov 2020 08:25:58 PM IST

कभी शिवसेना के कट्टर विरोधी थे लालू यादव, अब उद्धव और तेजस्वी हैं एक दूसरे के मुरीद

- फ़ोटो

PATNA : महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे ने जब शिवसेना का गठन किया उसके बाद से ही 90 के दशक से बिहार के अंदर लालू प्रसाद यादव उनके कट्टर विरोधी रहे। लालू यादव ने शिवसेना की नीतियों का हमेशा विरोध किया। देश में धार्मिक कट्टरपंथ को लेकर शिवसेना और बाला साहब ठाकरे हमेशा लालू के निशाने पर रहे। तब शिवसेना भारतीय जनता पार्टी की पहली सहयोगी पार्टी के रूप में पहचानी जाती थी लेकिन बदलते वक्त के साथ-साथ राजनीतिक समीकरण बदले और बाला साहब के बाद पार्टी की कमान संभाल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और बिहार में आरजेडी का चेहरा बन चुके तेजस्वी यादव के रिश्ते तल्ख नहीं दिखते।


बिहार में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद शिवसेना ने जिस तरह आरजेडी और महागठबंधन का समर्थन किया है वह बताता है कि बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में आरजेडी और शिवसेना के बीच की खाई पट चुकी है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में बिहार चुनाव नतीजों को लेकर महाराष्ट्र के अंदर बीजेपी के फैसले से जोड़ते हुए आलेख पहले ही प्रकाशित हो चुका है और अब हालात ऐसे हैं कि आरजेडी के हर दर्द में शिवसेना शामिल हो रही है। तेजस्वी यादव ने मतगणना की प्रक्रिया को लेकर जो सवाल खड़े किए हैं उसे शिवसेना ने समर्थन दिया है। शिवसेना की तरफ से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर मतगणना प्रक्रिया में लोकतांत्रिक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। 


इतना ही नहीं शिवसेना ने बिहार में एनडीए की जीत को स्वीकार करने से सिरे से खारिज कर दिया है शिवसेना का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बिहार में एनडीए की जीत का कोई फैक्टर नहीं बन पाई। आपको याद दिला दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी शिवसेना गठबंधन की जीत के बाद भी शिवसेना ने प्रधानमंत्री की लोकप्रियता को चुनाव में सफलता का श्रेय नहीं दिया था। यहीं से दोनों दलों के बीच कड़वाहट की शुरुआत हुई थी और फिर भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने सहयोगी दल ने एनडीए से दामन छुड़ा लिया था। अब बिहार में जो कुछ हो रहा है उस पर भी शिवसेना तंज कसने से बाज नहीं आ रही। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर आने वाले वक्त में उद्धव ठाकरे और तेजस्वी यादव एक दूसरे के और करीब आते हैं तो बहुत ज्यादा अचरज नहीं होगा।