PATNA : कोरोना काल में बिहार के अंदर विधानसभा चुनाव को लेकर सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। लोक जनशक्ति पार्टी ने संक्रमण के बीच विधानसभा चुनाव कराए जाने पर सीधी आपत्ति जता दी है। एलजेपी ने साफ कह दिया है कि कोरोना काल में वह बिहार के अंदर चुनाव नहीं चाहती है। पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने चुनाव आयोग को दो टूक जवाब दे डाला है। चुनाव आयोग में कोरोना का हाल के पीछे डिजिटल और वर्चुअल कैंपेन को लेकर सभी राजनीतिक दलों से राय मांगी थी एलजेपी की तरफ से जो राय आयोग को भेजी गई है उसमें कुल 12 बिंदुओं को रखा गया है।
एलजेपी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बिहार में कोरोना संक्रमण के हालात बेहद गंभीर है और मौजूदा परिस्थितियों में अगर चुनाव होते हैं तो मतदाताओं के लिए बीमारी से संक्रमण के आसार बढ़ जाएंगे। ऐसे में वोटर मताधिकार का प्रयोग कैसे कर पाएगा और इस संक्रमण को नियंत्रित करने के प्रयास में कई जगहों पर कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जहां पूरी तरह से पाबंदी लागू है। इन परिस्थितियों के बीच चुनाव संभव नहीं दिखता। एलजेपी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारत में चुकी ईवीएम मशीन से मतदान कराए जाते हैं और एक के बाद दूसरे मतदाता की तरफ से ईवीएम में मौजूद बटन का इस्तेमाल किया जाता है। लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा है कि कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों को बेहतर जीवन देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आज आवश्यकता है कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्वास व स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो उपलब्ध संसाधनों का खर्च बिहारियों की बेहतरी के लिए होना चाहिए। ऐसे वक्त में अगर चुनाव कराए जाते हैं तो बिहार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
लोक जनशक्ति पार्टी का यह मानना है कि बिहार की एक बड़ी आबादी को खतरे से बचाने के लिए कोविड-19 और बाढ़ की मार झेल रहे प्रदेश को अतिरिक्त आर्थिक बोझ से बचाने के लिए और लोकतंत्र को सफल बनाए रखने के लिए जरूरी है कि बिहार में चुनाव ना कराए जाए। परिस्थितियों के बेहतर होने पर पुनः समीक्षा कर उचित समय पर चुनाव कराया जाए ताकि हर बिहारी लोकतंत्र के इस महापर्व में हर्षोल्लास के साथ अपनी भागीदारी निभा सके।