ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां

लॉकडाउन में निखर गई प्रकृति, बस अब हम नहीं पहुंचाएं नुकसान

1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Jun 2020 11:59:09 AM IST

लॉकडाउन में निखर गई प्रकृति, बस अब हम नहीं पहुंचाएं नुकसान

- फ़ोटो

DESK: हर साल 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. जगह जगह आयोजन किए जाते है. कार्यक्रम में नेता आते हैं भाषणबाजी करके चले जाते हैं. तमाम तरह के नियम-कानून के पालन करने की बात कही जाती है. पर नतीजा कुछ नहीं निकलता. इस साल भी इस दिन प्रकृति को लेकर बहुत-कुछ सोचा-विचारा जाता लेकिन इस बार का पर्यावरण दिवस बहुत मायने में खास है. कोरोना वायरस के कारण सम्पूर्ण विश्व में तालाबंदी का दौर चल रहा है जिस वजह से औद्योगिक और मानवीय गतिविधियां न के बराबर हो रही थी. सडकों पर लगने वाले गाड़ियों का रेला नदारत था. सभी अपने अपने घरों में कैद थे, पर इस दौरान प्रकृति का अलग ही नजारा देखने को मिला जो शायद हम ने कभी नहीं देखा था.    


कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से विश्व में हवा की गुणवत्ता में बहुत सुधार देखा गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे उपायों का इस्तेमाल गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आपातकालीन उपाय के रूप में किया जा सकता है. लॉकडाउन में कल-कारखाने बंद होने के कारण हवा की गुणवत्ता सुधरी, ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है, जल की गुणवत्ता में सुधर देखा गया. नदियों के साफ़ सफाई के लिए करोडों का खर्च किया गया पर नतीजा कुछ नहीं निकला पर जैसे ही लॉकडाउन में मानव गतिविधियों पर रोक लगा प्रकृति अपने आप निर्मल होती चली गयी. देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के वक्त शायद किसी ने इस बारे में सोचा भी नहीं था.  

     

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु के वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर एस के सतीश कहते हैं, ''विशेषकर शहरी क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता में बड़ा सुधार हुआ है, जो गंभीर या खराब श्रेणी से अब संतोषजनक या अच्छी स्थिति में पहुंच गई है. कई जगह से लोगो ने ट्विटर पर प्रकृति की सुन्दर तस्वीरों को भी साझा किया था. लोगो ने अपने घर की छतों पर से 300 किलोमीटर दूर स्थित हिमालय की तस्वीरें साझा की. जो आसमान में धुंध और प्रदुषण के कारण दिखाई देना बंद हो गई थी वो फिर से दिखने लगी. अब देश को धीरे-धीरे अनलॉक किया जा रहा है ऐसे में हमें अब इसका ख्याल रखना होगा की हम फिर से पहले वाली स्थिति में प्रकृति को न पंहुचा दें. इस बात को हमें मान लेना चाहिए की प्रकृति और पर्यावरण को हमारी जरुरत नहीं है बल्कि हमें उनकी जरुरत है.