PATNA: लोजपा के चुनाव चिन्ह 'बंगला' पर दावेदारी अब होने लगी है। इसे लेकर चिराग पासवान ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लोजपा के चुनाव चिन्ह बंगला पर अपनी दावेदारी पेश की है। बता दें की तारापुर और कुशेश्वरस्थान में उपचुनाव होने हैं। दोनों विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले चिराग पासवान ने बंगला छाप चुनाव चिन्ह को लेकर चुनाव आयोग में दस्तक दी है। ऐसे में अब यह देखने वाली बात यह होगी की इस मामले पर चुनाव आयोग क्या फैसला लेती है।
बिहार में चाचा-भतीजे की राजनीतिक उठापटक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान ने जिस तरह से बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। शायद इसी वजह से उनके हाथ से पार्टी की कमान चली गई और पार्टी के अध्यक्ष उनके चाचा पशुपति पारस बन गये। गौरतलब है कि तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में यह कयास लगायी जा रही है कि इन दोनों सीट से चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस अपने -अपने उम्मीदवार उतारेंगे लेकिन बात एलजेपी के सिंबल पर जाकर फंसती दिख रही है।
आधिकारिक रूप से एलजेपी के अध्यक्ष फिलहाल पशुपति पारस हैं लेकिन चिराग पासवान का खेमा उन्हें एलजेपी का अध्यक्ष नहीं मानता है। चिराग के खेमे का कहना है कि पशुपति पारस के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। यही वजह है कि चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस का लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पद पर दावा पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद है। इसलिए चुनाव आयोग को इस दावे को तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट के उपचुनाव की अधिसूचना के एक सप्ताह या उससे पहले पशुपति पारस के दावे को निरस्त कर देना चाहिए।
अब चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एलजेपी का चुनाव चिह्न बंगला पर अपनी दावेदारी पेश की है। वही पारस गुट के दावे को खारिज करने का अनुरोध किया है। पिछली बार विधानसभा चुनाव में दोनों सीटों पर लोजपा के उम्मीदवार थे। चिराग ने इस बार भी दोनों सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इसलिए चिराग ने नामांकन शुरू होने से पहले लोजपा के चुनाव चिह्न पर आयोग से स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया है।
लोजपा चिराग गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एके बाजपेयी ने बताया कि चुनाव आयोग को पत्र लिखकर लोजपा के चुनाव चिह्न पर किसी दूसरे पक्ष के दावे को दरकिनार करने की मांग की गई है। ऐसे में अब बंगला चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग का फैसला किसके पक्ष में आता है यह देखने वाली बात होगी। चुनाव आयोग के इस फैसले पर अब सबकी नजरें टिकी हुई है।