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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Jan 2023 03:10:28 PM IST
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MADHEPURA: एक ओर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कमार बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का दावा करते हैं। वही उनके इस दावे की पोल खुद उनके अधिकारी और पदाधिकारी खोल रहे है। मधेपुरा के अंचलाधिकारी पर एक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाया है। आरोप यह है कि बिना पैसे के सीओ साहब दाखिल खारिज नहीं करते हैं। पीड़ित ने उनके खिलाफ मारपीट करने व घूस मांगने का मामला कोर्ट में दर्ज कराया है। यही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उच्च अधिकारियों को सीओ के खिलाफ चिट्ठी भी भेजी है। पीड़ित अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्याय की मांग कर रहा है।
मधेपुरा सदर अंचल कार्यालय अपने कारनामें को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। जमाबंदी कायम करने, दाखिल-खारिज कर रसीद काटने सहित अन्य मामलों को लेकर लोगों से अवैध राशि मांगने को लेकर अंचलाधिकारी पर कोर्ट में मामला दर्ज किया गया है। माणिकपुर पंचायत के नेहालपट्टी निवासी उमेश यादव ने यह मामला दर्ज कराया है। उमेश यादव का कहना है कि बीते एक साल से वो अपने जमीन का दाखिल-खारिज कराने के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। दो बार आवश्यक कागजात के साथ आवेदन दिया गया, जिसे अंचल कार्यालय ने रद्द कर दिया।
उमेश यादव का कहना है कि एनएच-107 माणिकपुर चौक से पूरब स्थित केबाला से प्राप्त जमीन को देखने 14 दिसंबर 2022 को जब वे पहुंचे थे तब उसी दौरान अंचलाधिकारी योगेन्द्र दास मेरे जमीन के सामने गाड़ी रोक दिये। गाड़ी से उतरकर मुझे बुलाया और जमीन के बारे में पूछताछ करने लगे। इस दौरान अंचलाधिकारी ने कहा कि मेरा खाना बनाने वाला पूरण ऋषिदेव तुम्हारे घर गया था तो उसे 50 हजार रूपये क्यों नहीं दिये? जब पैसे देने में लाचारी जतायी तब इस बात पर सीओ भड़क गये और भद्दी-भद्दी गाली देते हुए एक थप्पड़ जड़ दिया। ग्रामीणों के आने के बाद मामला शांत हुआ। लेकिन वहां से जाने के दौरान सीओ यह कहते गये कि रुपये की व्यवस्था कर लो तब ही काम होगा।
दूसरे दिन जब सीओ के आवास पर वे कागजात के साथ पहुंचे तो कई लोग उनके आवास पर जमाबंदी कायम करने के लिए आए हुए थे। जहां शराब पार्टी भी चल रही थी। यह बात सही है या नहीं सीओ आवास पर लगे सीसीटीवी को देखने से ही पता चल जायेगा। पीड़ित उमेश यादव ने अमार्यादित शब्दों का प्रयोग करने, जमाबंदी के नाम पर घूस मांगे जाने के मामले पर कार्रवाई की मांग की। पीड़ित उमेश यादव ने सीएम नीतीश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सहित अन्य उच्चाधिकारियों को आवेदन भेजकर न्याय की गुहार लगायी है और मामले की जांच की मांग की है।
इधर मामला सामने आने के बाद सीओ योगेन्द्र दास ने अपना पक्ष रखते हुए आरोप को गलत बताया। सीओ ने कहा कि आरोप लगाने वाला उमेश यादव जमीन का दलाल है और गलत काम कराना चाहता था। विवादित भूमि का दाखिल खारिज करने की बात कर रहा था। जब उस पर नकेल कसना शुरू किया तो वो इस तरह का आरोप लगा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ ब्रोकर जानबुझ कर उन्हें परेशान कर रहे हैं। मानिकपुर में 60 प्रतिशत भूमि विवादित है जिसकी खरीद बिक्री ब्रोकर के द्वारा की जा रही है। विवादित जमीन को बेचते है और दाखिल खारिज कराना चाहते हैं। जब हमने नकेल कसा तो घूस लेने का आरोप लगाया जा रहा है।
वहीं सीओ योगेन्द्र दास ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंंने कहा कि आरोप लगाने वाला जमीन का बड़ा दलाल है। विवादित जमीन का दाखिल खारिज कराने आया था जब हमने इनकार कर दिया तो इस तरह का आरोप लगा रहा है। नकेल कसने पर अनर्गल बयान दिया जा रहा है। ऐसे में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।