ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान, आखर क्या रही वजह? जानिए पूरी जानकारी Bihar Election 2025: क्यों पहले चरण के मतदान की मॉनिटरिंग बनी बिहार चुनाव की सबसे बड़ी उपलब्धि? जानें पूरी खबर Bihar Elections: पटना साहिब में 107 साल की तारा देवी ने किया मतदान, पेश की मिसाल पहले चरण में बंपर वोटिंग से तेजस्वी यादव गदगद: कहा..बिहार की जनता ने बदलाव का बिगुल बजा दिया, 11 नवंबर को भी इसी तरह करें मतदान Bihar Elections First Phase: बछवारा में सबसे ज्यादा 71.22% मतदान, बेगूसराय में सबसे कम वोटिंग BIHAR ELECTION 2025: कल बिहार दौरे पर PM मोदी, औरंगाबाद और भभुआ में करेंगे जनसभा को संबोधित कटिहार में कांग्रेस की सभा में बवाल: इमरान प्रतापगढ़ी के नहीं पहुंचने पर बेकाबू हुई भीड़, कुर्सियां तोड़ीं और पोस्टर फाड़े Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है

महिला सिपाही के इश्क में की चार हत्या, पत्नी-बच्चों को भी मार डाला, फिर प्लास्टिक सर्जरी से चेहरा बदल 3 साल घूमता रहा, पढ़िए हैरतअंगेज मामले की पूरी कहानी

1st Bihar Published by: Updated Fri, 03 Sep 2021 08:19:18 PM IST

महिला सिपाही के इश्क में की चार हत्या, पत्नी-बच्चों को भी मार डाला, फिर प्लास्टिक सर्जरी से चेहरा बदल 3 साल घूमता रहा, पढ़िए हैरतअंगेज मामले की पूरी कहानी

- फ़ोटो

DESK : ये कहानी किसी बॉलीवुड थ्रिलर फिल्म को भी मात देने वाली हकीकत है. महिला सिपाही के प्यार में हैवान बने शख्स ने अपनी पत्नी औऱ दो मासूम बच्चों को मार डाला. फिर एक दोस्त की हत्या कर उसका चेहरा बिगाड कर अपनी हत्या भी साबित कर दी. इसके बाद चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करायी. उसके सहारे फर्जी आधार कार्ड बनवाया और तीन साल तक आराम से घूमता रहा. अब सारा मामला तो लोग सन्न रह गये हैं. 


सबसे बड़ा मास्टरमाइंड
इश्क, साजिश, मर्डर, शादी औऱ फिर प्लास्टिक सर्जरी से चेहरा बदलना. फिल्मों को भी मात देने वाली ये कहानी उत्तर प्रदेश की है. नोयडा, कासगंज औऱ अलीगढ़ जिले में बारी बारी से घटनाओं को अंजाम दिया गया. इसे अंजाम देने वाले ने सारा खूनी खेल ऐसा खेला कि तीन साल तक उसकी इतनी बडी करतूत भी किसी की पकड़ में नहीं आयी. लेकिन हर खेल का अंत होता है औऱ अब पुलिस ने इस हैरतअंगेज मामले का खुलासा कर दिया है. हत्यारे के साथ साथ उसकी सिपाही प्रेमिका को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के सामने उन दोनों ने सारी कहानी बता दी है. 


पत्नी-बच्चों की हत्या कर शव को ऐसे ठिकाने लगाया
इस घटना को अंजाम देने वाला शख्स अलीगढ़ के गंगीरी इलाके के गांव नौगंवा का मूल निवासी  राकेश है. पहले से शादी शुदा था. घर में पत्नी के साथ साथ दो बच्चे थे. पत्नी बच्चों के साथ वह नोयडा विशरख के चिपयाना में रहता था. लेकिन उसे एक महिला सिपाही से इश्क हो गया. पत्नी को इसकी भनक लगी तो उसने पूरजोर विरोध किया.  हैवान बने राकेश पत्नी के साथ साथ दोनों बच्चों की भी हत्या कर दी. तीनों के डेड बॉडी को अपने ही घर के बेसमेंट के नीचे दफन किया और उपर से पक्का फर्श बना दिया. शातिर राकेश ने इस क्रूर घटना को अंजाम देने के बाद अपने ससुराल वालों से संपर्क साधा और उन्हें कहा कि उसकी पत्नी बच्चों समेत गायब है. 


अपनी हत्या को भी साबित कर दिया
ससुराल वालों ने कुछ दिन खोजबीन की लेकिन उन्हें अपने दामाद राकेश पर ही शक हुआ. लिहाजा वे पुलिस के पास पहुंच गये. ससुराल वालों ने राकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया और आऱोप लगाया कि उसने ही अपनी पत्नी और बच्चों को गायब कर दिया है. राकेश ने इस मुकदमे से बचने के लिए फिर से साजिश रची. उसने अलीगढ़ के कासगंज में अपने ही जैसे कद-काठी के एक दोस्त की हत्या कर दी. उसका चेहरा बिगाडा और  क्षतविक्षत शव को अपने कपड़े पहनाकर जेब में अपना आईकार्ड डाल दिया. राकेश की इस साजिश में उसके परिवार के लोग भी शामिल थे. उन्होंने राकेश के ससुराल वालों पर ही अपने बेटे की हत्या कराने का मुकदमा कर दिया. 


डीएनए टेस्ट से साजिश पकड़ी गयी
पुलिस ने जब राकेश के ससुराल वालों पर दबिश दी तो उन्होंने दावा किया कि जो शव मिला है वह उनके दामाद का है ही नहीं. ससुराल वालों के बार-बार कहने के बाद पुलिस ने मृत व्यक्ति का डीएनए टेस्ट कराया. मृतक का डीएनए राकेश के पिता से नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने नये सिरे से जांच करनी शुरू की. फिर परत दर परत मामला खुलता चला गया. तीन साल बाद पुलिस ने हत्यारे के साथ साथ उसकी प्रेमिका सिपाही और हत्यारे के परिजनों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया.


कासगंज के एसपी एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने मीडिया को इस सनीसनीखेज मामले की जानकारी दी. एसपी ने बताया कि 2012 में एटा के कलुआ गांव के मोतीलाल ने अपनी बेटी रतनेश की शादी अलीगढ़ के राकेश से की थी. राकेश का पहले से ही अपने ही गांव की एक लड़की रूबी से इश्क चल रहा था लेकिन परिवार वालों के दबाव में उसने रतनेश से शादी कर ली. शादी  के बाद उसके दो बच्चे हुए. तीन साल की बेटी अवनी और एक साल का बेटा अर्पित. पत्नी औऱ दोनों बच्चों के साथ वह नोयडा चला गया. वहां उसने पंच विहार कॉलोनी में घर खरीद लिया और खुद एक दवा लेबोरेट्री में काम करने लगा. 


सिपाही बन गयी पूर्व प्रेमिका तो हैवानियत जागी
कासगंज के एसपी ने बताया कि शादी और दो बच्चों के बावजूद राकेश का अपनी पुरानी प्रेमिका रूबी से ताल्लुकात बना रहा. इसी दौरान रूबी पुलिस में सिपाही बन गयी. राकेश रूबी से शादी करना चाहता था लेकिन पत्नी और बच्चे बाधक थे. बीच की बाधा को हटाने के लिए उसने ऐसी घटना को अंजाम दिया जिससे शैतान भी कांप जाये. पुलिस के मुताबिक 14 फरवरी 2018 को राकेश ने अपनी पत्नी रतनेश और दोनों बच्चों अवनी  अर्पित को मकान के बेसमेन्ट में बुलाया. वहां उसने पहले से तैयारी कर रखी थी. पत्नी के साथ साथ दोनों मासूम बच्चो को लोहे की रॉड से मार मार कर हत्या कर दी औऱ तीनों शवों को उसी बेसमेंट के नीचे दफन कर दिया. राकेश ने उसके बाद बेसमेंट के कच्चे फर्श को पक्का कर दिया. कासगंज के एसपी का कहना है कि इस शैतानी साजिश में राकेश की प्रेमिका रूबी के साथ पिता बनवारी लाल, मां इंद्रावती, भाई राजीव औऱ प्रवेश ने पूरा साथ दिया. 


हत्या के बाद का मास्टरप्लान 
कासगंज पुलिस के मुताबिक राकेश ने हत्या के बाद की कहानी भी पहले से तैयार कर रखी थी. उसने अपने ससुर मोतीलाल को नोयडा के घर पर बुलाया. फिर उन्हें जानकारी दी कि उसकी पत्नी औऱ दोनों बच्चे गायब हैं. तमाम खोजबीन के बाद भी वे तीनों नहीं मिल रहे हैं. दामाद से इसकी जानकारी मिलने के बाद मोतीलाल ने नोयडा के बिसरख थाने में अपनी बेटी और नातिन-नाती के गायब होने की रपट लिखवायी. लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्हें अपने दामाद पर शक हुआ. फिर उन्होंने थाने में अपने दामादा राकेश, उसके पिता और परिजनों पर रतनेश और बच्चों के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करा दी. पुलिस ने राकेश से कई दफे पूछताछ की  लेकिन उसने ससुर के आऱोपों को पूरी तरह गलत बताया.


दोस्त की हत्या कर अपना मर्डर साबित कर दिया
पत्नी औऱ बच्चों के गायब होने को लेकर पुलिस लगातार राकेश पर दबिश बढ़ा रही थी. ससुराल वाले भी पीछे पडे थे. इस बीच राकेश ने आरोपों से बचने के लिए एक और क्रूर साजिश रची. उसने अपने गांव से एक ऐसे दोस्त को पकड़ा जिसकी कदकाठी उससे मिलती जुलती थी. राकेश का वह दोस्त उसके गांव के ही दिलीप सिंह का बेटा राजेंद्र उर्फ कलुआ था. राकेश ने अपने दोस्त कलुआ से अपनी एक रिश्तेदारी में चलने को कहा. दोनों बाइक से जाने के लिए निकले. रास्ते में राकेश ने अपने दोस्त कलुआ को जमकर शराब पिलायी और फिर कासगंज जिले के मारूपुर गांव के जंगल में उसकी हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक राकेश अपनी बाइक की डिक्की में गड़ासा साथ लेकर गया था. उसी गडासे से उसने अपने दोस्त की हत्या की. फिर उसका सिर और हाथ के पंजे काट कर जला दिया. शव को अपने कपड़े पहनाये औऱ उसकी जेब में अपना पहचान पत्र रख रख दिया. पुलिस कह रही है कि राकेश ने इस घटना से पहले ही अपने परिजनों को तैयार रखा था. राकेश का भाई राजीव शव को देखने पहुंचा औऱ पुलिस को बताया कि वह उसके भाई का ही शव है. राजीव ने राकेश के ससुराल वालों पर ही हत्या का मुकदमा कर दिया.


प्लास्टिक सर्जरी कराकर राकेश से दिलीप शर्मा बन गया
इसके बाद की कहानी और हैरतअंगेज है. उसने अपने चेहरे और नाक की प्लास्टिक सर्जरी करा ली. फिर एक आधार कार्ड बनवाया जिसमें उसने खुद को कुशीनगर जिले के कुक्कन पट्टी गांव के सुभाष शर्मा का पुत्र दिलीप शर्मा साबित किया. नयी पहचान के साथ वह हरियाणा के पानीपत चला गया. वहां पहले मजदूर का काम किया और फिर राजमिस्त्री का काम करने लगा.  उसने पानीपत को स्थायी ठिकाना बना लिया. तकरीबन तीन साल तक वह वहीं जमा रहा. 


ऐसे खुला सारा राज
राकेश के परिजनों ने जब उसके ससुराल वालों पर ही हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया तो ससुर समेत पूरा परिवार हैरान रह गया. राकेश के ससुर मोतीलाल ने कासगंज के एसपी के पास बार-बार गुहार लगायी. वे कह रहे थे कि जिस शव को राकेश का शव बताया जा रहा है वह किसी दूसरे का है. उधर राकेश ने जिस दोस्त कलुआ की हत्या की थी उसके परिजन भी अपने लड़के को तलाश रहे थे. उलझती जा रही गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने डीएनए टेस्ट का सहारा लिया. जिस शव को राकेश का शव बताया जा रहा था उसका बिसरा सुरक्षित रखा गया था. पुलिस ने उस बिसरा का डीएनए सैंपल लेकर राकेश के पिता बनवारी लाल के डीएनए से मिलान कराया. दोनों अलग निकले. यानि जो शव मिला वह राकेश का नहीं था. इसके बाद पुलिस ने राकेश के दोस्त कलुआ के पिता के डीएनए से बिसरा का डीएनए मिलान कराया. दोनों मिल गये. यानि ये साबित हो गया कि जिस शव को राकेश का शव बताया गया था वह कलुआ का शव था. 


डीएनए रिपोर्ट से कई बातें स्पष्ट हो गयी थीं. पुलिस ने अब राकेश के पिता औऱ भाई को दबोच लिया. उसके बाद एक-एक कर सारे राज सामने आते गये. पुलिस उन बातों को जानकर हैरान रह गयी. कासगंज के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 22 सालों की नौकरी में उन्होंने कभी ऐसा मामला नहीं देखा था. 


इश्क के चक्कर में ही पकड़ा गया राकेश
पुलिस को पता चल चुका था कि राकेश जिंदा है. उसकी प्रेमकहानी की भी भनक लग चुकी थी. लिहाजा पुलिस ने राकेश की प्रेमिका रूबी पर नजर रखनी शुरू कर दी. राकेश लगातार रूबी के संपर्क में था और छिप छिप कर अक्सर उससे मिलने आता था. गुरूवार को वह अपनी प्रेमिका से मिलने जा रहा था कि रास्ते में कासगंज पुलिस ने उसे धर दबोचा. कासगंज के एसपी ने बताया कि राकेश से पुलिस की स्पेशल टीम ने पूछताछ की तो उसने सारे राज उगल दिये. उसकी निशानदेही पर वह गडासा बरामद कर लिया गया है जिससे उसने अपने दोस्त की हत्या की थी.


पत्नी बच्चों का कंकाल मिला
पुलिस ने राकेश से मिली जानकारी के आधार पर नोयडा के उस मकान में खुदाई करायी जिसमें राकेश ने अपनी पत्नी-बच्चों को मारा था. मजिस्ट्रेट के सामने हुई खुदाई में बेसमेन्ट के नीचे जमीन में दबे कंकाल औऱ हत्या के लिए उपयोग में लाया गया लोहे का रॉड बरामद कर लिया गया है.  पुलिस ने इस घटना के मुख्य आरोपी राकेश, उसके पिता, दो भाई, मां और प्रेमिका रूबी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है.