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1st Bihar Published by: Ganesh Samrat Updated Fri, 21 May 2021 04:29:23 PM IST
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PATNA: विधायक राशि के पारदर्शी इस्तेमाल की गारंटी की मांग माले विधायकों ने सरकार से की है। इसे लेकर माले के सभी विधायक आज अनशन पर बैठ गये। पटना के छज्जुबाग स्थित विधायक दल कार्यालय में भी विधायक अनशन पर बैठे। भूख हड़ताल में भाकपा-माले के फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ शामिल हुए। माले विधायकों ने सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया। माले विधायकों का कहना है कि बिना विधायक और पार्षद से बातचीत किए अलोकतांत्रिक तरीके से योजना मद से 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित करने का फैसला सरकार ने लिया है।
भूख हड़ताल में भाकपा-माले के फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ शामिल हुए। पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि हमें इस बात पर आपत्ति नहीं है कि सरकार ने 2 करोड़ पैसा ले लिया। आपत्ति इस बात पर है कि उसने हमलोगों से न तो कोई राय ली और न ही कोई पारदर्शिता अपनाई जा रही है। पिछली बार भी सरकार ने 50 लाख की राशि ले ली थी लेकिन आज तक यह नहीं बताया गया कि वह ख़र्च हुआ भी या नहीं।
पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने बताया कि सभी माले विधायकों का यह मांग है कि इस मद की राशि के खर्च में हमारी राय को प्राथमिकता दी जाए और कम से कम 1 करोड़ रुपया सम्बन्धित विधानसभा में खर्च किया जाए। माले के सभी विधायकों ने तो शेष 1 करोड़ की राशि को भी स्वास्थ्य उपकरणों पर खर्च करने की अनुशंसा कर दी है लेकिन प्रशासन की कार्रवाई कछुए की चाल से चल रही है।
वही फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने बताया कि शेष बचे 1 करोड़ की राशि से हमने फुलवारी में ऑक्सिजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की थी। लेकिन सरकार कहती है कि ऐसी अनुशंसा का प्रावधान ही नहीं है। फिर विधायकों का पैसा लेकर यह सरकार क्या करेगी? अभी तो युद्ध स्तर पर लगकर इन कार्यों को करना था। लेकिन इस संकट में भी भाजपा-जदयू के लोग ओछी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं। वे नहीं चाहते कि कोई विधायक इस पर बात करें। वे पैसा भी अधिग्रहित कर चुके हैं और काम भी ठीक से नहीं कर रहे हैं।
फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि यदि सरकार का रवैय्या यही रहा तो कोविड के वर्तमान दूसरी लहर में शायद ही इन पैसों का सही उपयोग हो पाए। इसलिए प्रशासन को इस मामले में कार्रवाई की जानी चाहिए।
माले विधायक दल नेता महबूब आलम बारसोई, अरूण सिंह काराकाट, महानंद सिंह अरवल, मनोज मंजिल अगिआंव, सुदामा प्रसाद तरारी, सत्यदेव राम दरौली, अमरजीत कुशवाहा मैरवां, बीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता सिकटा, रामबलि सिंह यादव जहानाबाद और अजीत कुशवाहा डुमरांव में एक दिवसीय अनशन पर बैठे।