Bihar Elections: पटना साहिब में 107 साल की तारा देवी ने किया मतदान, पेश की मिसाल पहले चरण में बंपर वोटिंग से तेजस्वी यादव गदगद: कहा..बिहार की जनता ने बदलाव का बिगुल बजा दिया, 11 नवंबर को भी इसी तरह करें मतदान Bihar Elections First Phase: बछवारा में सबसे ज्यादा 71.22% मतदान, बेगूसराय में सबसे कम वोटिंग BIHAR ELECTION 2025: कल बिहार दौरे पर PM मोदी, औरंगाबाद और भभुआ में करेंगे जनसभा को संबोधित कटिहार में कांग्रेस की सभा में बवाल: इमरान प्रतापगढ़ी के नहीं पहुंचने पर बेकाबू हुई भीड़, कुर्सियां तोड़ीं और पोस्टर फाड़े Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है BIHAR ELECTION: वाल्मीकि नगर में मनोज तिवारी ने किया रोड शो, NDA प्रत्याशी रिंकू सिंह के लिए मांगे वोट
1st Bihar Published by: Updated Thu, 10 Sep 2020 05:25:17 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : एशियन सिटी हाॅस्पिटल, पाटलिपुत्रा काॅलोनी, पटना के स्पाइन सर्जरी विषेशज्ञ डाॅ. पंकज कुमार ने कहा है कि कमर, गर्दन और पैर दर्द से परेशान मरीजों के लिए मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी (एम.आई.एस.एस.) वरदान साबित हो रही है. इस विधि से आॅपरेशन में एक-दो दिन के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है. इस विधि से आॅपरेशन में एक से दो इंच का लम्बा चीरा लगाया जाता है. दवा की खपत भी काफी कम होती है तथा मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं.
डाॅ. पंकज कुमार ने कहा कि पुरानी विधि से आॅपरेशन में लम्बा चीरा लगाया जाता है जिसके चलते घाव सूखने में समय लगता है और मरीज को ज्यादा दिन अस्पताल में रहना पड़ता है. इस कारण आर्थिक बोझ भी मरीज को ज्यादा वहन करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हाल ही में दुबई में बाथरूम में गिर जाने से हड्डी में दर्द से परेषान 30 साल के एक लड़के को इस विधि से आॅपरेषन कर दो दिन में अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. उसकी हड्डी डिस्क से आगे-पीछे हो गयी थी. इसे सीधा करने में छह स्क्रू लगाने पड़े. हड्डी आगे-पीछे हो जाने से नस पर दबाव पड़ रहा था.
उन्होंने कहा कि इसी तरह 32 साल की एक महिला की कमर से लेकर पैर तक दर्द रहता था. इसके चलते वह टेढ़ा होकर चलती थी. दो हड्डियों के बीच डिस्क मेटेरियल बाहर निकल कर नस पर दबाव डाल रहा था. इसके लिए एक इंच का चीरा लगाकर माइक्रोस्कोप में देखकर नस पर से दबाव हटाया गया. अब वह पहले की तरह चल रही है और उसके कमर और पैर में दर्द नहीं है.
डाॅ. पंकज ने कहा कि माइक्रोस्कोप का सहारा लेकर एम.आइ.एस.एस. विधि से आॅपरेषन किया जाता है. यह बात अलग है कि आॅपरेशन से पहले एम.आर.आई. जांच में सारी गड़बड़ी उजागर हो जाती है. उन्होंने कहा कि हमारे हाॅस्पिटल में इस विधि से आॅपरेशन के लिए सभी मशीनें, उपकरण तथा सुविधाएं उपलब्ध हैं जिसके चलते हम आसानी से इस प्रकार की सर्जरी कर पाते हैं. इस विधि से जटिल से जटिल हड्डी रोग की सर्जरी की जाती है.