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1st Bihar Published by: Updated Thu, 07 Apr 2022 02:20:39 PM IST
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PATNA: राज्य स्वास्थ्य समिति ने कोरोनाकाल में जिन लोगों को अस्पतालों में बहाल किया था उन्हें अब मौखिक तौर पर हटाया जा रहा है। आरटीपीसीआर,पीएमडब्लू ट्रामा सेंटर, एएनएम वर्कर जिनकी ड्यूटी वैक्सीनेशन और कोविड केयर में लगायी गयी थी उन्हें अब हटाया जा रहा है। इसे लेकर जिलों में तैनात कर्मियों ने आज स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से मुलाकात की और अपनी समस्याएं रखी। वही मीडिया से बातचीत के दौरान कर्मियों ने एक षडयंत्र का खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना पॉजिटिव केसेज कम शो करने का दवाब अधिकारियों द्वारा बनाया जाता है। आंकड़ा छुपाने के लिए ऊपर से प्रेशर दिया जाता है।
पूर्णिया के जीएमसीएच मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर में पोस्टेड राजीव ने बताया कि वे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से मिलकर अपनी समस्याएं रखने आए हैं। कई जिलों से भी कर्मी पटना पहुंचे हैं। कई साथी जो पीएमडब्लू ट्रामा सेंटर मे रहते हैं, कई एएनएम वर्कर जिनकी ड्यूटी वैक्सीनेशन और कोविड केयर में रहती है वे भी मंत्री जी से मिलने आए हैं।
राजीव ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति हरके तीन महीने पर एक्टेशन देती थी जिसे सेवा विस्तार अवधि कहते हैं। इस बार जून तक सेवा अवधि का विस्तार किया गया है लेकिन मौखिक रूप से उन्हें काम नहीं करना का आदेश दिया जा रहा है। जब वे अस्पताल जाते है तो काम करने से रोक जाता है। कर्मियों ने बताया कि जब कोविड और गाइडलाइन अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके बावजूद अधिकारी मनमानी करते हुए मौखिक रूप से हट जाने का निर्देश दे रहे हैं।
कोरोनाकाल और लॉकडाउन में अस्पताल में जाकर हमने काम किया है। देश की सेवा की है। उस वक्त जब लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रखते थे तब ऐसे समय में अपनी जान जोखिम में डालकर उन्होंने लोगों की सेवा की है। पैसे भी कम मिलते थे लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने चौबीस घंटे काम किया और देश की सेवा की।
इस दौरान कुछ साथी शहीद भी हो गये। हमने ना कभी पैसे बढ़ाने की मांग की और ना किसी तरह की फरमाइश की लेकिन कोरोना खत्म होने का हवाला देकर आज उन्हें हटाया जा रहा है। जबकि सेवा का विस्तार जून तक किया गया है। सेवा से हटाने के लिए कोई लिखित आदेश नहीं दिया गया है बल्कि मौखिक रूप से हटाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से जब उन्होंने मुलाकात की तब उन्होंने पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ.एसके वर्मा से बात कर उन्हें यह सख्त निर्देश दिया कि जो भी वर्कर है उन्हें उसी तरह रखा जाए क्योंकि कोविड अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। मंगल पांडेय ने सख्त निर्देश दिया कि इनके स्थान पर कोई दूसरा नहीं आएगा। लेकिन मंत्रीजी की बातों का ना तो सिविल सर्जन ने वैल्यू दिया और ना ही डीएम ने ही। मंत्री के निर्देश की अवहेलना करते हुए अब उन्हें हटाने का मौखिक आदेश दिया जा रहा है जबकि कोविड अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।
स्वास्थ्य कर्मियों ने एक षड्यंत्र के बारे में खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट कम दिखाने के लिए अधिकारियों के द्वारा दवाब दिया जाता है। जब पूछा गया कि किस आधार पर ऐसा आरोप लगा रहे हैं तो कर्मियों ने कहा कि हमलोग रिपोर्टिंग करते हैं वही सबसे बड़ा प्रमाण है।
स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि कोरोना का आंकड़ा छिपाया जा रहा है ऐसा कर यह जताया जा रहा है कि कोविड समाप्ति के दौर पर है और हम लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। कर्मियों का कहना है कि हमलोग को हटा देने से क्या कोरोना का खतरा कम हो जाएगा। हकीकत है कि कोरोना का आंकड़ा छिपाने के लिए ऊपर से प्रेशर दिया जाता है।