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1st Bihar Published by: Updated Wed, 24 Jun 2020 01:58:43 PM IST
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PATNA :बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सियासी सरगर्मी के बीच चुनावी साल में नेताओं के दल-बदल का सिलसिला भी शुरू हो गया है। आरजेडी से इस्तीफा देकर पांच एमएलसी के सत्ताधारी खेमे में शामिल होने के बाद जेडीयू का उत्साह चरम पर है।जेडीयू ने एक बार फिर बिहार महागठबंधन में फिर बड़ी टूट का दावा किया है। जेडीयू ने फिर इसके संकेत दिए हैं। इशारों-इशारों में जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने फिर एक बार बड़ा दावा किया है।
बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री और जेडीयू के सीनियर लीडर अशोक चौधरी ने फिर महागठबंधन में टूट का दावा किया है। अशोक चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम से सभी लोग प्रभावित हैं। सभी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करने को लालायित हैं। उन्होनें कहा कि आगे क्या होगा, कहां टूट होगी, ये भविष्य के गर्भ में है। टूट होगी तो सबको पता चल जाएगा।
अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार एक जिताउ चेहरा हैं। हर व्यक्ति चुनाव के पहले अपनी राजनीति को सुरक्षित करना चाहता है। नीतीश कुमार ने पिछले 15 सालों में जो विकास का पैमाना तय किया है उससे जात-जमात की राजनीति पीछे छूट गयी है। नीतीश कुमार के चेहरा इतना बड़ा है कि आने वाले विधानसभा मे उनका वयक्तित्व और भी बड़ा होकर सामना आएगा।
बता दें कि मंगलवार को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आरजेडी को जबरदस्त झटका दिया। आरजेडी से इस्तीफ देकर पांच एमएलसी सत्ताधारी खेमे में शामिल हो गए।इसे विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। नीतीश ने विपक्षी दल के खेमे में सेंध लगाकर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है।
जेडीयू में जो पांच एमएलसी शामिल हुए, उनमें दिलीप राय यादव और कमरे आलम मुस्लिम बिरादरी से आते हैं। यादव और मुस्लिम, ये दोनों ही आरजेडी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. ऐसे में इन नेताओं को जेडीयू में शामिल कराया जाना यह संदेश देने की कोशिश माना जा रहा है कि अब परंपरागत वोटरों का भी आरजेडी से मोहभंग हो गया है।
एमएलसी संजय प्रसाद, दिलीप राय, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और कमरे आलम आरजेडी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हो गए। विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह को सदस्यता से इस्तीफा सौंपने के बाद पांचों नेता सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और नीतीश कुमार से मुलाकात की। नीतीश की मौजूदगी में ही पांचों नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की।