ब्रेकिंग न्यूज़

IIT खड़गपुर के छात्र की हॉस्टल से मिली लाश, बिहार के शिवहर का रहने वाला था आसिफ कमर, परिजनों ने की जांच की मांग मदद की बजाय वीडियो बनाते रहे लोग, कार में जिंदा जल गया युवक NEET पास कराने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, 3 दलाल को STF ने दबोचा Bihar Politics: ‘बिहार में बनेगी महागठबंधन की सरकार’ पटना में बैठक के बाद मुकेश सहनी का बड़ा दावा बड़हरा की बेटी सोनाली सिंह ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया कदम, आत्मनिर्भर बनने के लिए किया प्रेरित Pahalgam Attack: पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक और स्ट्राइक, बगलिहार बांध से चिनाब नदी का पानी रोका Pahalgam Attack: पाकिस्तान के खिलाफ भारत का एक और स्ट्राइक, बगलिहार बांध से चिनाब नदी का पानी रोका शराब के बाद गांजा तस्करी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे धंधेबाज, एम्बुलेंस से 78 kg गांजा बरामद, 3 तस्कर गिरफ्तार महज 11 साल की उम्र में जीजा से शादी, 12 साल बाद देवर से हो गया प्यार; दिलचस्प है कहानी BIHAR NEWS: सहरसा रेलवे यार्ड में बड़ा हादसा, इंजन सेंटिंग के दौरान दो पॉइंट्समैन घायल

मुकेश सहनी के पिता की हत्या मामला: DGP से मिला VIP का शिष्टमंडल, पुलिस के बयान से अनुसंधान की दिशा के भटकने की जताई आशंका

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 18 Jul 2024 04:16:35 PM IST

मुकेश सहनी के पिता की हत्या मामला: DGP से मिला VIP का शिष्टमंडल, पुलिस के बयान से अनुसंधान की दिशा के भटकने की जताई आशंका

- फ़ोटो

PATNA: विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख और पूर्व मंत्री  मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या ममले को लेकर वीआईपी का एक शिष्टमंडल आज बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) से मिला और उन्हें एक आवेदन पत्र देकर अनुसंधान के भटकाने की आशंका जताई। 


वीआईपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी ब्रजकिशोर सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति के नेतृत्व में इस शिष्टमंडल में पार्टी के कई नेता शामिल रहे। मृतक के भतीजे पवन सहनी द्वारा लिखे आवेदन पत्र में कहा गया है कि इस हत्या मामले में पुलिस द्वारा मीडिया में दिए जा रहे  बयान से अनुसन्धान की दिशा भटकाने की आशंका है। 


आवेदन में कई सवाल भी उठाए गए हैं। आवेदन में कहा गया है कि  अनुसंधान अभी तक अत्यंत ही प्रारंभिक अवस्था में है। मीडिया में  10 जुलाई की रात्रि का सीसीटीवी फुटेज चलाया जा रहा है जिसमे बताया जा रहा है कि 10 से 15 लोग घटनास्थल के समीप लाठी डंडे के साथ खड़े हैं । सवाल उठाया गया है कि कुछ इनलोगों की पहचान कर इनसे पूछताछ की गई है। 


आवेदन के जरिये सवाल उठाया गया है कि मीडिया में कुछ कागजात दिखाये जा रहे है। क्या ये कागजात तालाब से बरामद बॉक्स के अंदर से मिले है? अगर हाँ तो यह किसने दिया और देने वाले का मकसद कही अनुसंधान को भटकाने की मंशा तो नहीं है? इसकी जाँच होनी चाहिए। अगर ये कागजात बॉक्स के अंदर से नहीं मिले, तो फिर इन्हें कौन और किस कारण से वितरित कर रहा है।


आवेदन में कहा गया है कि अभी तक पुलिस के अनुसार सिर्फ एक अपराधी पकड़ा गया है। अपराध में उपयोग किये गए हथियार की भी बरामदगी नही हो पायी है। फिर भी लगता है कि अनुसंधानकर्ता जल्दबाजी में अनुसंधान को बंद करना चाहता है। यह भी गौर तलब है कि अभी अन्य सह अभियुक्त आजाद हैं और उनसे पूछताछ नही हो पाया है। क्या एक मात्र अपराधी की बातों को मानकर अनुसंधान के निष्कर्ष पर पहुँचना उचित है?


पत्र के जरिये मांग की गई है कि अनुसंधान में साक्ष्यों का संकलन किया जाये तथा जब सारे साक्ष्य इकट्ठे हो जाये तब उनका विश्लेषण करके निष्कर्ष पर पहुँचा जाये। अभी, जब साक्ष्य संकलन का कार्य चल ही रहा है तब हत्या के कारण के संबंध में निष्कर्ष पर शीघ्र पहुँच जाना न केवल जल्दबाजी है बल्कि अनुसंधान की दिशा के भटकने की प्रबल संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में किसी षड्यंत्र की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।


शिष्टमंडल ने आग्रह किया है कि अनुसंधान समाप्त होने पर कांड का विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट से करवाया जाय। इस शिष्टमंडल में श्री सिंह के अलवा प्रदेश अध्यक्ष बाल गोविंद बिंद, उमेश सहनी , सुमित सहनी,प्रभुदत्त बेलदार, सुनीता सहनी, बैद्यनाथ सहनी, पुष्पा सहनी शामिल थे।