PATNA: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवीं बार अपना बजट पेश किया। बजट के पेश होने के बाद विपक्षी दल इसे चुनावी और साधारण बजट बता रहे हैं। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने भी इसे निराशाजनक बजट बताते हुए कहा कि यह पुराने जुमलों को ढंकने वाला बजट है। इससे बिहार को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया। इसे निराशाजनक बजट बताते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि इस बजट में बिहार के लिए कुछ भी नहीं है। जबकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इस बात उम्मीद थी कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पर कुछ कहेंगी लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।
मुकेश सहनी ने कहा कि केंद्रीय बजट विकसित राज्यों के लिए फायदेमंद रहा है, लेकिन इसमें बिहार जैसे गरीब राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है। हमारे राज्य को इसके विकास के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। वित्तमंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर बिहारवासियों को निराश कर दिया।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश की समस्या महंगाई और बेरोजगारी है, लेकिन इसके लिए बजट में कुछ नहीं कहा गया है। बजट में रेल किराया कम करने को लेकर लोग उम्मीद पाले हुए थे तथा पूर्व में बुजुर्गों वाली रियायत पुनः शुरू करने की उम्मीद की गई थी, लेकिन यह भी उम्मीद पूरी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि सही अर्थ में यह बजट पुराने जुमलों को ढंकने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि 2022 में किसानों की आमदनी दुगनी होनी थी। 2022 में हर गरीब को आवास उपलब्ध होना था। 2022 में देश में बुलेट ट्रेन चलनी थी, लेकिन वित्त मंत्री ने इन घोषणाओं के पूरे न होने की न तो कोई वजह बताई और न ही आगे इन योजनाओं के लिए बताया गया। सहनी ने कहा कि यह ध्यान भटकाने वाली नीति अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है।