ब्रेकिंग न्यूज़

Air India Flight: मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, बारिश के बीच रनवे से फिसला एयर इंडिया का विमान Air India Flight: मुंबई एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टला, बारिश के बीच रनवे से फिसला एयर इंडिया का विमान Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Bihar News: बिहार के आवासीय स्कूल से नाबालिग छात्रा लापता, परिजनों ने शिक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री को लेकर आया नया नियम, कार्यालय के चक्कर लगाने की अब कोई जरुरत नहीं BIHAR CRIME: बकरी चराने गई 10 साल की बच्ची के साथ युवक ने किया गंदा काम, घटना के बाद आरोपी फरार Patna Crime News: पटना में हत्या की एक और वारदात से हड़कंप, बाइक सवार बदमाशों ने युवक के सिर में दागी गोली

मुकेश सहनी ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, मत्स्यजीवी सहयोग समिति का निर्वाचन खर्च माफ किए जाने की मांग

1st Bihar Published by: Updated Wed, 27 Apr 2022 08:49:22 PM IST

मुकेश सहनी ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र, मत्स्यजीवी सहयोग समिति का निर्वाचन खर्च माफ किए जाने की मांग

- फ़ोटो

PATNA: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से मुकेश सहनी ने यह मांग की है कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव में लिया जाने वाला 5 हजार रुपये शुल्क सरकार वापस ले। 


वीआईपी संस्थापक मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री को अपने पत्र में पूर्व से बने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव के लिए 7 सौ मतदाताओं पर सहयोग समितियों से 5 हजार रुपये की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा मत्स्यजीवी सहयोग समिति कमजोर वर्ग के व्यक्तियों का समूह है। 


निर्वाचन विभाग जून 2022 में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का चुनाव कराना चाहता है। निर्वाचन प्राधिकार वैसी समितियों के लिए चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है जिन सहयोग समितियों ने शुल्क का भुगतान कर दिया है। लेकिन सबसे ज्यादा गरीब मछुआरों की संख्या हैं जो मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव के शुल्क जमा करने की स्थिति में नहीं। 


इनकी माली हालत ऐसी नहीं कि पांच हजार रुपये का शुल्क अदा कर सकें। सहनी ने वर्ष 2027-17 का हवाला देकर कहा उक्त चुनाव में सरकार ने निर्धारित शुल्क के नियम को क्षांत कर दिया था। यह व्यवस्था सिर्फ एक वर्ष के लिए प्रभावी की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि 2017-18 की तरह यदि 2022 के चुनाव में भी शुल्क के नियमों को क्षांत किया जाए ताकि बड़ी संख्या में गरीब मछुआरा समूह चुनाव में भाग ले सके।