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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 28 Sep 2024 11:53:55 AM IST
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MUNGER: बिहार के सरकारी अस्पतालों का हाल बद से बदतर होता जा रहा है। आए दिन बदहाली की तस्वीरें सामने आती रहती है। ताजा तस्वीरें मुंगेर से सामने आई हैं, जहां अस्पताल की जर्जर छत से वार्डों में रातभर बारिश का पानी टपकता रहा और मरीज के साथ सात उनके परिजन उससे बचने के लिए रातभर जदोजहद करते रहे।
दरअसल, मुंगेर में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने मुंगेर सदर अस्पताल की पोल खोद दी है। बुधवार हो रही बारिश के कारण अस्पताल के पुरूष वार्ड में बारिश का पानी छत से टपकना शुरू हो गया। जिसके कारण वार्ड में इलाजर मरीजों की मुसीबत बढ़ गयी है। हाल यह है कि इलाज कराने के लिये भर्ती बीमार बुजुर्ग व महिला मरीज पूरी रात छत से टपक रहे बारिश के पानी से बचने के लिये बेड लेकर वार्ड में इधर से उधर घूमते रहे।
मरीज वार्ड के बीच में बेड लगाकर पड़े हैं तो जिन मरीजों को कहीं जगह नहीं मिल पाया, वह किसी तरह छत से टपकते पानी के बीच ही कोने में अपने बेड पर सोये रहे। सदर अस्पताल में पुरूष वार्ड और महिला वार्ड के बरामदे पर भी बेड लगाकर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। जिनके लिये बारिश के बीच मुसीबत दोहरी हो गयी है। हाल यह है कि बरामदे पर भर्ती मरीजों के लिये जहां छत से टपक रहा बारिश का पानी मुसीबत बना है, वहीं उनके लिये बेड इधर-उधर करना तक मुश्किल है, क्योंकि खुले बरामदे पर बारिश सीधे उनके बेडों तक पहुंच रही है।
ऐसे में बाढ़ और बारिश के कारण दस्त व डायरिया के मरीजों के लिये मुसीबत बढ़ गयी है। बारिश के बीच पुरूष और महिला वार्ड के बरामदे पर भर्ती मरीज इलाज की जगह इसी मुसीबत से निपटने में लगे रहे। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि वार्ड के जर्जर छत को लेकर सिविल सर्जन को जानकारी दी गयी है हालांकि जनवरी तक 100 बेड का मॉडल अस्पताल मिल जायेगा। जहां सभी प्रकार की सुविधायें होगी। साथ ही नये भवन में वार्डों में मरीजों को सभी सुविधा मिल पायेगी। अभी जो भवन है काफी पुराना है इस रिपेयर भी कराने से कोई फायदा नही है।