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नहीं कम हो रही आनंद मोहन की मुश्किलें , BJP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रिहाई के खिलाफ SC में दर्ज करवाया शिकायत

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 May 2023 03:42:17 PM IST

नहीं कम हो रही आनंद मोहन की मुश्किलें , BJP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने रिहाई के खिलाफ SC में दर्ज करवाया शिकायत

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DESK : बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। गोपालगंज के तत्कालिक डीएम की पत्नी के बाद अब इनके पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई है। इस नेता ने आनंद मोहन की रिहाई को गलत ठहराते हुए शिकायत दर्ज करवाया है। इन्होंने इस मामले में जल्द सुनवाई करने की गुहार भी कोर्ट से की है। 


दरअसल, आनंद मोहन को गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की 1994 में हत्या के केस में मर्डर के 13 साल बाद 2007 में ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, आनंद मोहन की अपील पर पटना हाईकोर्ट ने 2008 में फांसी को उम्रकैद में बदल दिया। उसके बाद  पिछले दिनों बिहार सरकार ने कानून में संसोधन कर इन्हें जेल से रिहा कर दिया। इनकी रिहाई के बाद अब बिहार समेत पुरे देश की सियासत गर्म हो गयी है। इसी बीच अब भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे केजे अल्फोंस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। इन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सवाल उठाए हैं। 


मालूम हो कि, आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 8 मई को जब दिवंगत डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इसी बीच  पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने कोर्ट में खुद पेश होकर कहा कि वो बिहार सरकार के फैसले से आहत हैं और इस मामले में रिहाई के खिलाफ पार्टी बनना चाहते हैं। कोर्ट ने अल्फोंस को अगली तारीख पर मामले की सुनवाई में सहयोग करने की इजाजत दे दी है। अल्फोंस पेशे से वकील भी हैं और केरल हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ते हैं। अब इन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है। 


आपको बताते चलें कि, अल्फोंस केरल के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में पर्यटन मंत्री रह चुके हैं। आईएएस अधिकारी अल्फोंस दिल्ली में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के कमिश्नर के तौर काफी चर्चित रहे। उन्होंने 10 हजार करोड़ की सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया था और अवैध निर्माण की वजह से 14 हजार से अधिक मकान को गिराने का आदेश दिया था। इन्होंने 2006 में  कमिश्नर पद से इस्तीफा  दे दिया और केरल में लेफ्ट पार्टियों के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़कर पहली बार विधानसभा पहुंचे। 2011 में विधानसभा से इस्तीफा देकर अल्फोंस बीजेपी में शामिल हो गए और तब से बीजेपी के साथ हैं। 2019 में बीजेपी ने अल्फोंस को एर्नाकुलम सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ाया था लेकिन वो तीसरे नंबर पर रहे।