शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: Updated Mon, 19 Oct 2020 06:00:45 AM IST
- फ़ोटो
DESK : आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. मां दुर्गा के तीसरे रुप को राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं.
मां चंद्रघंटा की उत्पत्ति धर्म और संसार से अंधकार मिटाने के लिए हुई है. मां के हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है. मां चंद्रघंटा की उपासना करने से साधक को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है और साधकों को संसार में यश कीर्ति और सम्मान मिलता है. मां के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है, इसीलिए मां को चंद्रघंटा कहा गया है.
मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत सौम्यता एवं शांति से परिपूर्ण है. मां चंद्रघंटा और इनकी सवारी शेर दोनों का शरीर सोने की तरह चमकीला है. दसों हाथों में कमल और कमडंल के अलावा तलवार चक्र और अस्त्र-शस्त्र हैं. मां चंद्रघंटा को स्वर की देवी भी कहा जाता है. आज मां की पूजा लाल रंग से की जाती है. इसके साथ ही मां को लाल सेब और मखाने की खिर का भोग लगाना चाहिए. मां को भोग लगाते समय मंत्र और मंदिर की घंटी जरूर बजाएं. मां की पूजा में घंटे का बहुत महत्व है.
मां चंद्रघंटा का मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥