ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Assembly Election 2025 : क्या सच में NDA में नहीं तय हुआ सीट बंटवारा का फार्मूला, उपेंद्र कुशवाहा ने छेड़ दी नई चर्चा; दिल्ली में हो रही सहयोगी नेताओं की बैठक महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय: आरजेडी को 135, कांग्रेस को 55 सीटें, एक दर्जन सीटों पर अब भी जिच Bihar Election 2025: टिकट कटने से बाद मिश्रीलाल ने दिया BJP से इस्तीफा;फ्लोर टेस्ट में किया था बड़ा साजिश; अब किस पार्टी में होंगे शामिल Road Accident: बिहार में दो ट्रकों की भीषण टक्कर में झारखंड चालक की मौत, यूपी चालक की हालत नाजुक Tejaswi Yadav : तेजस्वी यादव ने छात्रों से की बातचीत, कहा- सरकार बनते ही खत्म होगा पेपर लीक और बहाली में देरी दिल्ली में आज NDA की बड़ी बैठक: सीट शेयरिंग पर आखिरी बातचीत, सभी दलों के शीर्ष नेता पहुंचे Bihar Election 2025: मोकामा की राजनीति में धमाकेदार एंट्री की तैयारी ! बाहुबली को टक्कर देगी बाहुबली की पत्नी; इस पार्टी से मिल सकता है मौका BJP candidate list : NDA में सीट बंटवारा का फार्मूला तय, अमित शाह आज तैयार करेंगे BJP कैंडिडेट का फाइनल लिस्ट;इन लोगों का नाम कटना हुआ तय Pawan Singh : करवा चौथ पर ज्योति सिंह का इमोशनल वीडियो वायरल, बोलीं– “पत्नी होने का कर्तव्य निभा रही हूं, मेरी जैसी अभागन कोई न बने” Bihar News: छपरा हत्याकांड का आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने बरामद किया खून से सना चाकू

प्रिंसिपल की होने लगी विदाई तो फूट-फूट कर रोने लगी छात्राएं, पैर पकड़ लगी रोकने

1st Bihar Published by: Updated Tue, 03 Mar 2020 07:39:44 AM IST

प्रिंसिपल की होने लगी विदाई तो फूट-फूट कर रोने लगी छात्राएं, पैर पकड़ लगी रोकने

- फ़ोटो

NAWADA: शिक्षक से छात्र और छात्राओं का ऐसा लगाव हुआ कि जब प्रिंसिपल की स्कूल से विदाई होने लगी थी छात्राएं फूट-फूटकर रोने लगी है.  यही नहीं ग्रामीण भी पहुंचे और प्रिंसिपल को जाने से रोकने लगे. यह मामला नवादा जिले के ओहारी इंटर कॉलेज की है.

हाथों से बरसा रही थी फूल, आंखों से गिर रहे थे आंसू

प्रिंसिपल यमुना प्रसाद की विदाई के लिए पूरी तरह से तैयारी की गई थी. कार को फूलों से सजाया गया था. विदाई के दौरान छात्राएं प्रिंसिपल पर फूल बरसा रही थी और आंखों से आंसू गिर रहे थे. यमुना प्रसाद छात्राओं को समझा रहे थे. लेकिन वह समझने को तैयार नहीं थी. 

स्कूल से निकले तो ग्रामीणों ने रोका

जब युमना प्रसाद स्कूल से किसी तरह से छात्राओं को समझाकर बाहर निकले ही कि बाहर ग्रामीणों ने घेर लिया और उनसे नहीं जाने की गुजारिश करने लगे. ग्रामीणों को आश्वास्त किया कि सरकारी सेवा की उम्र खत्म हुई है, उनकी सेवा जारी रहेगी तब ग्रामीणों ने उन्हें जाने दिया. बताया जा रहा है कि यमुना प्रसाद ने दस साल की सेवा अवधि में ग्रामीणों का दिल जीत लिया. स्कूल उनके लिए घर के समान, टीचर परिवार और बच्चे को संतान जैसा मानते थे. जिसके कारण उनके छात्राओं का लगा अधिक था.