1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 06 Oct 2023 06:19:40 PM IST
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PATNA: बिहार की जातीय गणना के बाद नीतीश औऱ तेजस्वी खुद जाल में फंसते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस ने नीतीश कुमार ने पूछा है-बिहार में जिस अति पिछ़ड़ों की संख्या 36 परसेंट है उसके सिर्फ तीन मंत्री हैं. जबकि यादव जाति से आने वाले मंत्रियों की तादाद 8 है. नीतीश कुमार तत्काल मंत्रिमंडल में फेरबदल कर अति पिछड़े समाज को उसका हक दें.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने ये मामला उठाया है. अनिल शर्मा ने कहा है कि जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद राजनीतिक गलियारे में इसकी काफी चर्चा हो रही है. इस रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां हैं, जिस पर लोग आवाज उठा रहे हैं. लेकिन जातीय गणना के आंकड़े आने के बाद सबसे पहली नजर बिहार के मंत्रिमंडल पर जा रही है. सत्ता में अपनी हिस्सेदारी चाहने वाले बिहार के मंत्रिमंडल पर सवाल उठा रहे हैं.
8 यादव मंत्री और अति पिछड़े सिर्फ 3
अनिल शर्मा ने कहा है कि बिहार के मंत्रिमंडल में पिछड़े और अति पिछड़े तबके से आने वाले कुल 13 मंत्री हैं. इन 13 मंत्रियों में 8 मंत्री सिर्फ एक जाति यानि यादव जाति से है. जबकि जातीय गणना के मुताबिक अति पिछ़ड़ी जातियों की संख्या 36 परसेंट से ज्यादा है. लेकिन बिहार के मंत्रिमंडल में सिर्फ 3 मंत्री अति पिछ़ड़ी जाति के हैं.
तत्काल मंत्रिमंडल में फेरबदल करें नीतीश
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा है कि सामाजिक न्याय का तकाजा यही है कि नीतीश कुमार तत्काल अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करें. उन्होंने कहा है कि जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद ये कहा जा रहा है कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. इस नारे को अमल में लाया जाये तभी इसका फायदा न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि बिहार में बने महागठबंधन को मिलेगा.