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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Apr 2023 11:22:26 AM IST
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PATNA: बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की सीएम नीतीश की मुहिम रंग लाने लगी है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नीतीश की मुलाकात के बाद मिले पॉजिटिव रिस्पांस के बाद आरेजेडी काफी उत्साहित है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि ममता बनर्जी ने नीतीश को बड़ी जिम्मेदारी दी है। विपक्षी एकजुटता के लिए बिहार में बैठक बुलाने को कहा है हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि असल चुनौती कांग्रेस के साथ टीएमसी, सपा और केसीआर को लाने की है। कांग्रेस ने भी पहल की है, ऐसे में सभी दलों को एकजुटता के लिए बड़ा दिल दिखाना होगा।
विपक्षी एकजुटता की मुहिम में लगे नीतीश कुमार को मिल रही सफलता पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि जितने भी विपक्षी दल हैं सभी को दिख रहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार संविधान को तार-तार कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार को लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है और संविधान ने जो बोलने का अधिकार दिया है उसे वह मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना बहुत ही जरूरी है। इसी का नतीजा है कि नीतीश कुमार को बंगाल और यूपी में साकारात्मक जवाब मिला। भले ही ममता और अखिलेश बीजेपी के विरोधी हैं लेकिन कांग्रेस से भी उनके रिश्ते ठीक नहीं है, जब ये लोग तैयार हो गए तो यह काफी महत्वपूर्ण हैं।
शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विपक्ष को जोड़ने की मुहिम आज नहीं शुरू की है बल्कि इससे पहले भी वे विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। नीतीश कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी का केंद्र की सरकार में होना जरूरी है, तब ही कोई कारगर गठबंधन बन सकता है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का जवाब बहुत ही स्वागत योग्य है। नीतीश पहले ही कह चुके हैं कि वे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं और वे सिर्फ विपक्षी दलों को एकजुट करने में अपनी भूमिका निभाएंगे। देश को बचाने के लिए केंद्र में जो नफरत फैलाने वाली सरकार है उसे हटाना बेहद ही जरूरी है।
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के यह कहने पर ही बिहार में तमाम विपक्षी दलों की बैठक बुलाई जाए, इसपर आरजेडी नेता ने कहा कि ममता बनर्जी से नीतीश कुमार और तेजस्वी ने मुलाकात की इसके बाद उन्होंने बिहार में एक बड़ी बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया है। ऐसे में अब नीतीश कुमार जबतक बाकी लोगों से मिलेंगे नहीं तबतब बैठक को लेकर सहमति कैसे बन सकेगी। जिस तरह के दोनों नेताओं से कल मुख्यमंत्री की बात हुई और साकारात्मक जवाब मिला है उसी तरह से अन्य नेताओं से भी बातचीत करनी होगी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने नीतीश को बड़ी जिम्मेदारी दी है। विपक्षी एकजुटता के लिए बिहार में बैठक बुलाने को कहा है। असल चुनौती कांग्रेस के साथ टीएमसी, सपा और केसीआर को लाने की है। कांग्रेस ने भी पहल की है, ऐसे में कांग्रेस के साथ सभी दलों को एकजुटता के लिए बड़ा दिल दिखाना होगा।
वहीं शिवानंद तिवारी ने कहा कि बीजेपी के लोग इतने बेचैन क्यों हैं, आने वाले समय में सबकुछ पता चल जाएगा। बीजेपी के लोगों में बेचैनी है कि नीतीश और तेजस्वी जिस मुहिम में लगे हैं अगर वह मुहिम सफल हो गई तो 2024 में उनका पत्ता साफ हो जाएगा। बीजेपी के लोगों की हैसियत नहीं है कि जिस स्तर की राजनीति नीतीश और तेजस्वी कर रहे हैं वहां तक पहुंच पाएं। सुशील मोदी जैसे नेता ने भी इस लेबल पर कभी काम नहीं किया है। बीजेपी में जिनकों उम्मीद नहीं थी कि उन्हें पद मिलेगा उन्हें भी पद मिल गया है। पद मिलने के बाद अकबका गए हैं और बीजेपी के नेताओं में बयान देने का कंपटीशन शुरू हो गया है।