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1st Bihar Published by: Updated Wed, 18 Aug 2021 07:47:40 PM IST
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PATNA: ज्यादा दिन नहीं हुए जब बिहार सरकार में मंत्री मदन सहनी ने कहा था कि इस सरकार में मंत्रियों की बात चपरासी तक नहीं सुनता है. आज उसकी प्रत्यक्ष बानगी देखने को मिल गये. नीतीश कैबिनेट में भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय पटना के एक थानेदार को फोन करते रह गये, थानेदार ने उनका कॉल ही रिसीव नहीं किया. मंत्री जी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं के बीच जनता दरबार लगा कर बैठे थे, वहीं ये वाकया हुआ. भरी सभा में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को अपने मंत्री की हैसियत का अंदाजा हो गया.
मंत्री जी की हैसियत
दरअसल बीजेपी ने तय कर रखा है कि उसके कोटे के मंत्री पार्टी कार्यालय में बैठ कर कार्यकर्ताओं की शिकायत सुनेंगे औऱ उस पर कार्रवाई करायेंगे. इसी के तहत बुधवार को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय पार्टी के दफ्तर में बैठे थे. मंत्री जी लोगों की फरियाद सुन रहे थे और इसी बीच एक महिला पटना के गर्दनीबाग थाने की करतूतों की शिकायत लेकर उनके सामने पहुंची. जार-जार रो रही महिला पुलिस की करतूत बता रही थी. महिला की शिकायत थी कि उसके साथ जमकर मारपीट की गयी है लेकिन गर्दनीबाग थाना पुलिस एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं है.
महिला की शिकायत सुनने के बाद मंत्री जी व्यथित हुए. तत्काल पटना के गर्दनीबाग थानाध्यक्ष को कॉल लगाया. पहले मंत्री जी के पीए ने थानाध्यक्ष को कई दफे कॉल किया. उसके बाद मंत्री ने खुद ट्राई मारा. लेकिन थानाध्यक्ष ने लगातार किये जा रहे फोन को रिसीव ही नहीं किया. मंत्री जी कार्यकर्ताओं के बीच बैठे थे. थानेदार ने वहीं उनकी इज्जत उतार दी.
सिटी एसपी ने इज्जत बचायी
कार्यकर्ताओं के बीच इज्जत जाते देख मंत्री रामसूरत राय ने पटना से सिटी एसपी को फोन लगाया. गनीमत की बात ये हुई कि सिटी एसपी ने मंत्री जी का फोन उठा लिया. मंत्री जी ने सिटी एसपी से महिला की शिकायत पर कार्रवाई करने का आग्रह किया. लहजा ऐसा था मानो मंत्री खुद फरियाद कर रहे हों.
ये पटना पुलिस है
मंत्री के दरबार में जो महिला पहुंची थी उसके सिर पर चोटें लगी थी. महिला के शरीर पर कई जगह जख्म के निशान थे. गर्दनीबाग की आरती देवी नाम की उस महिला ने बताया कि कल रात दबंगों ने उसके परिवार की जमकर पिटाई की है. सुबह वह अपनी फरियाद लेकर गर्दनीबाग थाना पहुंची तो उसे वहां से भगा दिया गया. पुलिस एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं हुई. इसके बाद उसे खबर मिली कि बीजेपी दफ्तर में मंत्री जी का जनता दरबार लगा है तो वह मंत्री के पास फरियाद लेकर पहुंच गयी. लेकिन इसे क्या कहें कि थानेदार ने मंत्री का फोन ही रिसीव नहीं किया.
नीतीश राज की हकीकत फिर सामने आयी
ये पहला मामला नहीं है जब मंत्रियों को ऐसे वाकयों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले महीने इस्तीफे की धमकी देने वाले मंत्री मदन सहनी ने खुलकर कहा था कि सरकार के अफसर की बात कौन कहे चपरासी भी मंत्री की बात नहीं सुनता है. वैसे कल ही सूबे के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने भी अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जतायी थी. उन्होंने भी जनता दरबार लगाया था और उसके बाद ये बयान जारी कर कहा था कि अधिकारियों को जनता का ख्याल रखना चाहिये. डिप्टी सीएम के पास पहुंचे ज्यादातर लोगों ने अधिकारियों की मनमानी की शिकायत की थी. लेकिन तारकिशोर प्रसाद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर पाने में सक्षम नहीं थे. लिहाजा बयान जारी कर नाराजगी जतायी थी.