Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में BJP के 53 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला, दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में झोकी पूरी ताकत Bihar News: बिहार में इस पार्टी के लिए वोट जुटाने वाले को दबंग ने घर में घुसकर पीटा; बच्चों व महिलाओं को भी बनाया अपना शिकार Patna News: मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, इंदिरा आवास योजना से बना था घर Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बनी चिंता का विषय Bihar Election 2025: क्या सीमांचल की 24 सीटें बदल देंगी बिहार की सियासत, दांव पर है नीतीश के मंत्री की किस्मत? Bihar Election 2025: कौन आएगा सत्ता में और किसकी पता होगा साफ? दूसरे चरण के मतदान से तय होगी बिहार की सियासत, जानें क्या हैं चुनावी समीकरण श्रेयसी सिंह के लिए जमुई में 10 किमी लंबा रोड शो, स्मृति ईरानी और अश्विनी चौबे रहे मौजूद बेतिया में विनय बिहारी को लड्डू से तौला गया, आम्रपाली दुबे-आनंद मोहन ने रोड शो कर मांगा वोट अपनी पत्नी से ज्यादा फाइलों से प्यार करते हैं अधिकारी, नितिन गडकरी ने कसा तंज, कहा..फाइलों को दबाकर ना रखें सुखदेव दास जी महाराज से मिलने पहुंचे नित्यानंद राय, 60 साल से चल रहे सीताराम नाम धुन के अखंड कीर्तन में हुए शामिल
1st Bihar Published by: Updated Sat, 14 Jan 2023 07:11:49 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के विवादित बयान को लेकर बिहार में सियासी घमासान छिड़ गया है। जेडीयू ने शिक्षा मंत्री के बयान से किनारा करते हुए कार्रवाई की मांग कर दी है तो वहीं आरजेडी मंत्री के बयान के साथ मजबूती के साथ खड़ी हो गई है। इसी बीच बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोल दिया है। बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार हिंदू विरोधी है और उसे हिंदुओं की भावना से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जेडीयू नेताओं की बयानबाजी और मानस का पाठ करना सिर्फ राजनीतिक दिखावा है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि श्रीरामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री की टिप्पणी और उस पर नीतीश कुमार की मौन सहमति से साफ है कि राज्य सरकार घोर हिंदू विरोधी है।महागठबंधन सरकार जिस तरह से सिर्फ सम्प्रदाय विशेष की भावनाओं और सुविधाओं का ख्याल रखते हुए काम कर रही है, वह संविधान के विरुद्ध है। नीतीश सरकार को बहुसंखयक हिंदू समाज की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि एक लोकप्रिय हिंदू धर्मग्रंथ के विरुद्ध जो अनर्गल टिप्पणी की गई, वह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने दीक्षांत समारोह जैसे सरकारी कार्यक्रम में की है। इसे राज्य सरकार की राय माना जाएगा, किसी का व्यक्तिगत विचार नहीं।
सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तीन सवालों के जवाब मांगे है। उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा है कि वे अपने शिक्षा मंत्री के बयान के पक्ष में खड़े हैं या इसके विरुद्ध हैं? वहीं उन्होंने दूसरा सवाल किया है कि क्या मुख्यमंत्री स्वयं हिंदू विरोधी और मानस विरोधी हैं? सुशील मोदी का तीसरा सवाल है कि वे शिक्षा मंत्री को हटायेंगे या उन्हें सिर्फ माफी मांगने के लिए कहेंगे? उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण में जदयू के नेता अपनी साझा सरकार के शिक्षा मंत्री के विरुद्ध नपे-तुले बयान देकर या मंदिर में मानस-पाठ कर राजमीतिक दिखावा कर रहे हैं। मां सीता की जन्मभूमि पर राज करने वाले लव-कुश समाज के मुख्यमंत्री अब राम-भक्तों के साथ हैं या श्रीराम और रामायण के निंदकों के साथ ? इस यक्ष-प्रश्न का उत्तर नीतीश कुमार को ही देना है।