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1st Bihar Published by: Updated Wed, 03 Nov 2021 07:21:53 AM IST
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PATNA : बिहार विधानसभा की 2 सीटों पर हुए उपचुनाव में कब्जा जमाकर जनता दल यूनाइटेड ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार में नीतीश कुमार का जलवा अभी भी बरकरार है। 16 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार का विकल्प अब तक बिहार में वोटर्स को नहीं मिल पाया है और नीतीश के खिलाफ ना तो आरजेडी अकेले पार पाई है और ना ही महागठबंधन विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं और अब उपचुनाव के दौरान अलग-अलग राजनीतिक दलों को मिले वोट प्रतिशत के आंकड़े भी सामने आ गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जो आंकड़े जारी किए गए हैं वह इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि कांग्रेस और आरजेडी अगर एक साथ रहकर महागठबंधन की शक्ल में भी होते तब भी नीतीश कुमार उस पर भारी पड़ते। विधानसभा उपचुनाव में आर्य जी और कांग्रेस ने भले ही अलग-अलग चुनाव लड़ा हो लेकिन यह दोनों राजनीतिक दल अगर महागठबंधन के तौर पर भी निर्देश को चुनौती देते तो दोनों दलों को मिले वोट प्रतिशत तक का आंकड़ा नीतीश या एनडीए गठबंधन को मिले वोटों के सामने नहीं टिक पाता।
दरअसल विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवारों को 40.7 फ़ीसदी वोट हासिल हुए जो जेडीयू के 46.2 फ़ीसदी से काफी कम है। दोनों दलों के बीच वोट लगभग 5.50 फ़ीसदी वोट प्रतिशत का अंतर है। कांग्रेस से महागठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी और उसके उम्मीदवारों को 3.06 फ़ीसदी वोट हासिल हुए। अगर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिले वोट एक साथ भी कर दिए जाएं तो दिया है जेडीयू उम्मीदवारों को मिले मतों से कम होगा। आरजेडी और कांग्रेस अगर एक साथ चुनाव लड़ती तो भी यह आंकड़ा 44 फीसदी वोट के ऊपर नहीं जाता। जाहिर है नीतीश कुमार के सामने ना तो आरजेडी और कांग्रेस अकेले टिक पाए और ना ही महागठबंधन के स्वरूप में ही यह नीतीश से पार पा पाते। हालांकि जेडीयू के उम्मीदवारों को मिले वोट एनडीए के आधार पर हैं। एनडीए में कुल 5 दल शामिल है जिसमें जेडीयू के अलावे बीजेपी, हम, वीआईपी और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी शामिल है। जाहिर है एनडीए की एकजुटता और बड़े आकार ने नीतीश के उम्मीदवारों का बेड़ा पार कर दिया। वहीं दूसरी तरफ से महागठबंधन बिखरा हुआ था इसका खामियाजा भी आरजेडी को उठाना पड़ा।
विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस से ज्यादा वोट चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को हासिल हुए। चिराग पासवान के उम्मीदवारों ने 3.65 फ़ीसदी वोट हासिल किए। वोट शेयर के हिसाब से चिराग की पार्टी तीसरे नंबर पर रही। अन्य उम्मीदवारों ने 4.53 फ़ीसदी वोट में हिस्सेदारी की जबकि नोटा में पड़े वोटों का प्रतिशत 1.82 रहा।