1st Bihar Published by: Updated Mon, 23 Mar 2020 08:07:06 PM IST
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PATNA :कोरोना वायरस की आपदा से पूरा देश त्राहिमाम कर रहा है। सरकारें आपदा की इस विकट घड़ी में जरूरतमंदों के लिए विशेष पैकेज का एलान कर रही हैं। खुद बिहार सरकार ने बीपीएल कार्डधारकों को मुफ्त राशन देने का एलान किया है वहीं डॉक्टरों समेत तमाम स्वास्थ्यकर्मियों को बोनस भी दिया है। वहीं इन सबके बीच बिहार सरकार ने सूबे के लगभग चार लाख हड़ताली नियोजित शिक्षकों और लगभग 40 हजार माध्यमिक शिक्षकों को कार्यअवधि वेतन भी देना जरूरी नहीं समझा। अब शिक्षकों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार सरकार से कार्यावधि का वेतन देने की अपील की है।
जनवरी और फरवरी माह के कार्यावधि का वेतन नहीं मिलने पर नियोजित शिक्षकों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष गुहार लगायी है। शिक्षकों का कहना है सरकार देश में आयी आपदा की इस घड़ी में शिक्षकों के साथ अमानवीय और असंवैधानिक व्यवहार कर रही है। शिक्षक जो अपने हक की लड़ाई समान काम समान वेतन और समान सेवा शर्त की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। ऐसे में सरकार ने उनके कार्यावधि का वेतन रोक दिया है। नियोजित शिक्षक अमित विक्रम की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों के सामने अब भूखमरी की नौबत आ गयी है आपदा की इस घड़ी में परिवार चलाना भी मुश्किल है।

वहीं इस बीच बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ पाण्डेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि सरकार को कोरोना के इस आपदा की घड़ी में शिक्षकों के कार्यावधि का वेतन दे देना चाहिए। उन्होनें कहा कि बिहार सरकार के जिस तरह से आपदा की घड़ी में बीपीएल कार्डधारकों को मुफ्त अनाज और तमाम डॉक्टर और स्वास्थकर्मियों को बोनस का एलान किया है वे काबिले तारीफ है और हम सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं लेकिन सरकार को तत्काल हड़ताली शिक्षकों का वेतन भी जारी कर देना चाहिए।