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ओपन सर्जरी के बगैर ब्रेन हेमरेज का इलाज, पटना के पारस हॉस्पिटल की उपलब्धि

1st Bihar Published by: Updated Tue, 16 Nov 2021 05:39:27 PM IST

ओपन सर्जरी के बगैर ब्रेन हेमरेज का इलाज, पटना के पारस हॉस्पिटल की उपलब्धि

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पटना : पूर्णिया के रहने वाले 46 वर्षीय मरीज़ को 30 अक्टूबर की रात बेहोशी की हालत में पटना स्थित पारस एचएमआरआई अस्पताल लाया गया था. डॉक्टरों की जांच और शुरुआती टेस्ट से यह साफ हो गया कि मरीज़ को ब्रेन हेमरेज हुआ है. जिसके लिए डॉक्टरों ने बिना वक़्त गवाए न्यूरो इंटरवेंशन तकनीक के जरिये मरीज़ का इलाज किया। इस विधि के ज़रिए पारस एचएमआरआई अस्पताल ने बिहार सहित पूर्वी भारत के लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा का एक और उदाहरण पेश किया है. इस विधि के बाद अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और तेजी से रिकवर कर रहा है. 


पारस एचएमआरआई के न्यूरो सर्जरी एवं न्यूरो इंटरवेंशन विभाग के हेड डॉ. पांडुरंग रेड्डी पूर्वी भारत के कुछ चुनिंदा न्यूरोसर्जन मे से एक हैं जो न्यूरोसर्जरी और न्यूरो इंटरवेंशन दोनों के विशेषज्ञ हैं. डॉ. रेड्डी के अनुसार न्यूरोइंटरवेंशन एक प्रकार की सर्जरी हैं जिसमें ब्रेन हेमरेज (एन्यूरिज्मल सबराचोनोइड हेमरेज) के रोगियों का इलाज सिर को बिना खोले किया जाता है. इसमें सिर को खोले बिना ब्रेन एन्यूरिज्म की मरम्मत की जा सकती है. इस प्रक्रिया में कमर की नस में एक छोटा पंचर बनाया जाता है और फिर कैथटर को मस्तिष्क धमनीविस्फार (एन्यूरिज्म) के स्थान तक इसे ले जाया जाता है और फिर टाइटेनियम कॉयल के साथ पैक किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में मस्तिष्क को खोला या छुआ तक नहीं जाता है. इस प्रक्रिया को ब्रेन एन्यूरिज्म कॉइलिंग कहा जाता है. यह प्रक्रिया कैथ लैब में की जाती है न कि नियमित ऑपरेशन थियेटर में। डॉ रेड्डी द्वारा लीड की गई इस टीम में अन्य डॉक्टर डॉ. सौरव कुमार(न्यूरो सर्जन), डॉ. नताशा और डॉ. श्रीनारायण  (एनेस्थेटिस्ट) भी रहे. 


मरीज की हालत के बारे में बताते हुए मरीज़ के एक परिजन ने बताया कि वह नहाते वक्त अचानक गिर पड़े और बेहोश हो गए थे. जिसके बाद मरीज़ को पहले तो लोकल अस्पताल लेकर जाया गया और वहां टेस्ट होने के बाद  पारस एचएमआरआई अस्पताल लेकर आये. जिसके बाद डॉक्टरों ने इलाज किया और जल्दी ही उनका मरीज़ पूरी तरह से ठीक हो गया है.


न्यूरो इंटरवेंशन विधि के बारे में बताते हुए डॉ. पांडुरंग ने बताया कि, "ब्रेन हेमरेज में अमूमन ओपन सर्जरी की जाती है लेकिन इसमें रिस्क होता है और तकलीफ भी ज्यादा होती है. 20 -25 टांके लगते हैं, खून भी ज़्यादा बहता है. साथ ही इंफेक्शन का खतरा रहता है और रिकवरी में भी समय लगता है. लेकिन वहीं  न्यूरो इंटरवेंशन में इन सब समस्या से निजात मिल जाता है और मरीज़ जल्दी स्वस्थ भी होता है.