1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 07 Oct 2023 05:37:25 PM IST
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PATNA: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सभी पार्टियों की नजर यादव और मुस्लिम वोट पर है। खासकर जेडीयू और आरजेडी इसे बड़े वोट बैंक के तौर पर देख रहे हैं। बिहार में मुसलमानों की 17 फीसदी से अधिक हुई संख्या पर जेडीयू की नजर है और वह इसे एक बड़े वोट बैंक के रूप में देख रही है। यही कारण है कि जेडीयू मुसलमानों के वोट बैंक को साधने की तैयारी में जुट गई है।
दरअसल, बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पार्टी के मुस्लिम नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में जेडीयू के तमाम मुस्लिम नेता शामिल हुए। सीएम आवास में हुई बैठक में सीएम नीतीश ने जेडीयू के मुस्लिम नेताओं को भरोसा दिलाया कि वे अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम करते रहे हैं और आगे भी काम करते रहेंगे।
इस दौरान उन्होंने ओवैसी की पार्टी AIMIM को बीजेपी की बी पार्टी बताया और पार्टी के मुस्लिम नेताओं से सचेत रहने को कहा। मुस्लिम नेताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ओवैसी की पार्टी को बीजेपी का बी टीम बताया और कहा कि आगामी चुनाव में वोट काटने के लिए AIMIM जगह जगह से उम्मीदवार उतारेगी लेकिन उनके मंसूबों का कामयाब नहीं होने देना है। उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के लोगों को ओबैसी की पार्टी से सावधान रहने की सलाह दी।
बता दें कि जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद जेडीयू मुस्लिमों की संख्या को बड़े वोटबैंक के रूप में देख रही है। लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू मुस्लिम मतदाताओं को साधने की तैयारी में जुट गई है। जातीय गणना के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में मुसलमानों की संख्या 17 प्रतिशत से अधिक है। बिहार के मुस्लिम वोटर्स के बीच आरजेडी और ओवैसी की पार्टी AIMIM की बड़ी पैठ है और इस बार के लोकसभा चुनाव में जेडीयू इस वोट बैंक को किसी और के पाले में नही जाने देना चाहती है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने पार्टी के मुस्लिम नेताओं को ओवैसी की पार्टी से सचेत रहने की सलाह दी है।