1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 21 Mar 2024 11:34:37 AM IST
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DESK : भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी है। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वो आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव के साथ-साथ आचार्य बालकृष्ण को 2 अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा है।
दरअसल, कोर्ट ने 2 अप्रैल को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए भी कहा था। 21 नवंबर को कोर्ट ने पतंजलि से कहा था कि वह अपनी दवाओं से गंभीर बीमारियों का स्थायी इलाज होने और एलोपैथी को खराब बताने वाले विज्ञापन रोक दे। पतंजलि ने कहा कि इस आदेश के बाद प्रकाशित कुछ विज्ञापनों में गलती से वैसे दावे लिख दिए गए जिन्हें कोर्ट ने मना किया था।
वहीं, इससे पहले जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजली आयुर्वेद और इसके एमडी आचार्य बालकृष्ण को पहले जारी किए गए नोटिसों का जवाब दाखिल न करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है।
अदालत ने कहा कि रामदेव को कारण बताओ नोटिस जारी करना उपयुक्त लगता है क्योंकि पतंजलि की ओर से जारी विज्ञापन 21 नवंबर, 2023 को अदालत में दिए गए हलफनामे का विषय है और ऐसा लगता है कि रामदेव की ओर से इनकी पुष्टि की गई। कोर्ट ने कहा, 'तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, सुनवाई की अगली तारीख पर प्रतिवादी संख्या 5 (पतंजलि आयुर्वेद) के प्रबंध निदेशक की उपस्थिति का निर्देश देना उचित समझा जाता है।’’