ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Assembly Election 2025 : अनंत- सूरजभान और रीतलाल के गढ़ में वोटरों ने जमकर किया मतदान, 5 बजे तक 60 % से अधिक लोग पहुंचे वोटिंग सेन्टर; क्या हैं इसके मायने Bihar Election 2025: वोटिंग खत्म होने के बाद CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस, मिलेगी बिहार चुनाव से जुड़ी अहम जानकारी Bihar Election 2025: बिहार के इस इलाके में 20 साल बाद हुई वोटिंग, नक्सली हमले में 7 जवानों की गई थी जान Bihar Election 2025: बिहार के इस इलाके में 20 साल बाद हुई वोटिंग, नक्सली हमले में 7 जवानों की गई थी जान Bihar Election : योगी आदित्यनाथ ने बगहा में जनसभा को संबोधित, कहा - “लालटेन युग खत्म, अब एलईडी का दौर है” Bihar Election 2025: मात्र एक घंटे बचा मतदान का समय, घर से निकलकर करें मतदान; जानिए कैसा रहा है अबतक का मतदान? Bihar Election 2025: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक पक्षपात का आरोप, आरजेडी ने बताया चुनाव को प्रभावित करने की साजिश Bihar Election 2025: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक पक्षपात का आरोप, आरजेडी ने बताया चुनाव को प्रभावित करने की साजिश Bihar News: वोट डालने गई महिला ट्रेन हादसे में घायल, पैर कटने के बाद अस्पताल में इलाज जारी मोतिहारी में अखिलेश यादव और मुकेश सहनी की सभा: दोनों नेताओं ने एक सूर में कहा..अब NDA की विदाई तय

पटना एम्स में इमरजेंसी सेवा बंद, अब सिर्फ कोरोना मरीजों का ही इलाज होगा

1st Bihar Published by: Updated Tue, 14 Jul 2020 06:41:55 PM IST

पटना एम्स में इमरजेंसी सेवा बंद, अब सिर्फ कोरोना मरीजों का ही इलाज होगा

- फ़ोटो

PATNA :  बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है. पटना एम्स में इमरजेंसी सेवा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. पटना एम्स में कोविड समíपत अस्पताल का बैनर लगाया गया है. अब यहां सिर्फ और सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों का ही इलाज किया जायेगा.


पटना एम्स को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. इमरजेंसी सेवा को अब ठप कर दिया गया है. एम्स निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि एम्स में सामान्य इमरजेंसी और कोरोना संक्रमित दोनों प्रकार के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. ऐसे में दोनों मरीजों के साथ पूरी तरह से न्याय नहीं हो पा रहा है. ऐसे में यह यदि कोविड अस्पताल होगा तो उनके लिए बेहतर होगा.


यही कारण है कि कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल होने के कारण ही एम्स में अब इमरजेंसी सेवा को  बंद कर दिया गया है. दूसरे अस्पताल से रेफर किये गए कोविड मरीज का ही एम्स में अब इलाज किया जायेगा. एम्स में बने फ्लू सेंटर को भी अब बंद कर दिया गया है. परिजनों के प्रवेश पर भी अब रोक लगा दी गई है. एम्स का इमरजेंसी बंद हो जाने के बाद ऐसे मरीजों का सारा दबाव पीएमसीएच और आईजीआईएमएस जैसे संस्थानों पर आ सकता है.


राज्य सरकार के मंत्री से लेकर कई बड़े अफसर इसकी चपेट में आ चुके हैं. प्रतिदिन भारी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इस जुलाई महीने के अंत तक कोरोना अपने चरम पर होगा. लिहाजा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पटना एम्स को कोरोना डेडिकेटेड होपितल के रूप में चिन्हित किया है.


राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एम्स को को कोरोना डेडिकेटेड होपितल के रूप में चिन्हित किया है. यहां सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच और इलाज होगा. अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अब 50 की बजाय 500 बेड उपलब्ध कराने की बात सामने आ रही है. फिलहाल एम्स में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में संक्रमितों के लिए 50 बेड उपलब्ध हैं.