Bihar Elections: पटना साहिब में 107 साल की तारा देवी ने किया मतदान, पेश की मिसाल पहले चरण में बंपर वोटिंग से तेजस्वी यादव गदगद: कहा..बिहार की जनता ने बदलाव का बिगुल बजा दिया, 11 नवंबर को भी इसी तरह करें मतदान Bihar Elections First Phase: बछवारा में सबसे ज्यादा 71.22% मतदान, बेगूसराय में सबसे कम वोटिंग BIHAR ELECTION 2025: कल बिहार दौरे पर PM मोदी, औरंगाबाद और भभुआ में करेंगे जनसभा को संबोधित कटिहार में कांग्रेस की सभा में बवाल: इमरान प्रतापगढ़ी के नहीं पहुंचने पर बेकाबू हुई भीड़, कुर्सियां तोड़ीं और पोस्टर फाड़े Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है BIHAR ELECTION: वाल्मीकि नगर में मनोज तिवारी ने किया रोड शो, NDA प्रत्याशी रिंकू सिंह के लिए मांगे वोट
1st Bihar Published by: Updated Tue, 22 Sep 2020 10:12:29 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़ी हुई इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. निर्वाचन आयोग के निर्देश के बावजूद भी कई अफसरों का तबादला नहीं किया गया है. दर्जनों ऐसे अफसर हैं, जो 4 साल से एक ही जगह पर पोस्टेड हैं. पटना हाई कोर्ट ने बिहार विधान सभा चुनाव हेतु चुनाव आयोग के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन नही किये जाने के मामले में राज्य के मुख्य सचिव, वित्त विभाग के प्रधान सचिव और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है.
चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खण्डपीठ ने बिहार प्रदेश भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आला अफसरों को अगले दो दिनों के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि विगत 20 जून को ही चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए बिहार सरकार से कहा था कि चुनाव ड्यूटी पर लगने वाले वैसे अफसर और कर्मियों का तुरंत तबादला किया जाए जो अपने गृह जिले में पदस्थापित हो या एक ही जिले में चार साल से अधिक समय से कार्यरत हो.
इस निर्देश के अनुपालन में कई तबादले हुए लेकिन 42 ऑफ़सर ऐसे हैं, जो चार साल से अधिक एक ही जिले में पदस्थापित हैं. जिनमे कई कोषागार पदाधिकारी भी शामिल हैं. हाई कोर्ट ने इसे गम्भीर मामला बताते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 25 सितंबर को की जाएगी.