ब्रेकिंग न्यूज़

Mokama Assembly Election : मुरेठा बांधना महज संयोग का एक प्रयोग ! आखिर क्यों मोकामा में खुद एक्टिव हुए JDU के कद्दावर नेता; सवर्ण बहुल सीट पर क्यों बदला जाता है समीकरण Bihar News: बिहार में 18 सरकारी कर्मचारियों पर गिरी गाज, FIR के बाद अब होगी विभागीय जांच Bihar News: रवि किशन को गोली मारने की धमकी देने वाले का बिहार से नहीं कोई कनेक्शन, गिरफ्तारी के बाद बोला "गलती हो गई" Bihar Election 2025: अगर आपके पास नहीं है वोटर कार्ड, तो इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर दें सकते है वोट; जानिए Patna Traffic Police : कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में बदलेगी ट्रैफिक व्यवस्था, कारगिल चौक से गायघाट तक वाहनों पर रोक Bihar Election 2025: विशाल प्रशांत ने 900 करोड़ की विकास परियोजनाओं किया पेश, नितिन गडकरी ने किया विमोचन, कहा- “तरारी बनेगा विकास का मॉडल” Bihar Weather: बिहार में इस दिन से पड़ेगी कड़ाके की सर्दी, IMD ने अभी से किया सावधान Bihar Election 2025: मोकामा में आचार संहिता उल्लंघन का मामला, ललन सिंह और सम्राट चौधरी पर केस दर्ज; अनंत सिंह के समर्थन में निकला था रोड शो Bihar Election 2025: पहले चरण के प्रचार का शोर थमेगा आज , 18 जिलों में 6 नवंबर को वोटिंग; इतने करोड़ मतदाता करेंगे मतदान Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी

पटना जलजमाव की जांच कमेटी ने 30 के बदले 106 में सौंपी रिपोर्ट, सारे बड़े अधिकारियों को मिल गयी क्लीन चिट

1st Bihar Published by: Updated Wed, 29 Jan 2020 07:19:53 PM IST

पटना जलजमाव की जांच कमेटी ने 30 के बदले 106 में सौंपी रिपोर्ट, सारे बड़े अधिकारियों को मिल गयी क्लीन चिट

- फ़ोटो

PATNA: पटना जलजमाव को लेकर सरकारी जांच का वही हश्र हुआ जिसका पहले से अनुमान था. सरकार की हाईलेवल कमेटी को 30 दिनों में रिपोर्ट देनी थी लेकिन 106 दिन बाद जांच रिपोर्ट सौंपी गयी है. सरकारी जांच में सारे बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट देकर छोटी मछलियों पर गाज गिराने की अनुशंसा की गयी है.


विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी थी कमिटी

हम आपको याद दिला दें कि पटना जलजमाव पर भारी फजीहत के बाद सरकार ने जांच का एलान किया था. 16 अक्टूबर को सरकार ने विकास आयुक्त अरूण कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाने की घोषणा की थी. वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, पथ निर्माण विभाग के अमृत लाल मीणा और आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत इस कमेटी के मेंबर बनाये गये थे. सरकार ने इस कमेटी को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. लेकिन 106 दिनों बाद इस कमेटी ने सूबे के मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट दी है.


जांच कमेटी ने माना कि लापरवाही के कारण डूबा पटना

हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ये माना है कि अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पटना में जलजमाव से प्रलय की स्थिति आयी. लंबे समय से नालों की उड़ाही नहीं हुई थी, संप हाउस नहीं चलाये गये थे और नाले बना रही कंपनियों ने पूरे सिस्टम को ही खराब कर दिया था. ऐसे में जब बारिश हुई तो पानी निकलने का कोई रास्ता ही नहीं बचा था.


जांच में सारे बड़े अधिकारी बच गये

सरकारी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक जांच कमेटी की रिपोर्ट में पटना नगर निगम से लेकर नगर विकास विभाग के सारे बड़े अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गयी है. जल जमाव के वक्त नगर निगम के कमिश्नर पाकसाफ पाये गये हैं. वहीं, नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनुपम सुमन को कसूरवार माना गया है. गौरतलब है कि अनुपम सुमन काफी पहले ही नौकरी से इस्तीफा देकर जा चुके हैं.


सूत्र बता रहे हैं कि पूर्व आयुक्त अनुपम सुमन के अलावा बुडको के तत्कालीन एमडी अमरेंद्र सिंह को भी जांच में दोषी पाया गया है. वहीं नगर निगम के दो कार्यपालक पदाधिकारी को कसूरवार पाया गया है. पहले से भीषण बारिश की भविष्यवाणी के बावजूद सोये रहने वाले नगर विकास विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के बड़े अधिकारियों को दोषी नहीं पाया गया है.


हमने जांच कमेटी के सदस्यों से रिपोर्ट के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने इस बाबत कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया. वहीं मुख्य सचिव के स्तर पर भी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी जा रही है. हालांकि ये माना जा रहा है कि सरकार कुछ छोटे अधिकारियों पर गाज गिरा कर पटना जलप्रलय पर मिट्टी डाल देगी.