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1st Bihar Published by: Updated Tue, 30 Nov 2021 12:43:56 PM IST
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PATNA : पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान यानी आईजीआईएमएस में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति क्या है, इसकी पोल आज बिहार विधान परिषद में खुल गई. परिषद में प्रश्नोत्तर काल के दौरान एमएलसी संजीव कुमार ने आईजीआईएमएस में 70 दिन बाद अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आने का मामला उठाया. इसके बाद सदन में सरकार की जमकर फजीहत हुई. प्रश्नोत्तर काल में सरकार ऐसी फंसी कि विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी सरकार की पुरजोर खिंचाई कर दी.
विधान पार्षद संजीव कुमार ने सदन में इस बात की जानकारी दी कि आईजीआईएमएस में एक मरीज को इलाज के के दौरान 70 दिनों के बाद अल्ट्रासाउंड जांच की रिपोर्ट दी गई. प्रश्न करने वाले सदस्य ने कहा कि अगर सरकार इसी तरह बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा कर रही है तो बिहार के लोगों का भगवान ही भला करें. इसके बाद सरकार की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो वह इस मामले को लेकर गंभीर हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह इस पूरे मामले को दिखा लेंगे. मंत्री के जवाब से सत्ता पक्ष के भी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए. जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने कहा कि सरकार आखिर किस को बचाने का प्रयास कर रही है. इसके बाद मंत्री मंगल पांडे सदन में भड़क गए. उन्होंने कहा कि वह मंत्री हैं और किसी का बचाव करने के लिए सदन में खड़े नहीं होते हैं. काफी देर तक के इस मामले पर सदन में बहस होती रही.
आखिरकार मंत्री मंगल पांडे ने सदन में भरोसा दिया है कि वह इस मामले को दिखा लेंगे और जो कोई भी दोषी होगा, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि अल्ट्रासाउंड कई तरह के किए जाते हैं. गैस्ट्रो से लेकर दूसरे विभागों से जुड़े अल्ट्रासाउंड भी होते हैं. ऐसे में यह जानकारी लेना भी जरूरी होगा कि आखिर रिपोर्ट आने में 70 दिन क्यों लग गए. मंत्री फजीहत के बाद सदन में दूसरे सवाल का जवाब देने के लिए आगे बढ़ गए. लेकिन सरकार की फजीहत आईजीआईएमएस की कार्यशैली के कारण खूब हो गई.