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पटना के ठेकेदार से 1.5 करोड़ की ठगी, लोन देने के नाम पर कभी मुंबई तो कभी दिल्ली बुलाता था शातिर

1st Bihar Published by: Updated Thu, 24 Nov 2022 08:34:09 AM IST

पटना के ठेकेदार से 1.5 करोड़ की ठगी, लोन देने के नाम पर कभी मुंबई तो कभी दिल्ली बुलाता था शातिर

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PATNA : राजधानी पटना का एक ठेकेदार ठगी का शिकार बन गया। मुंबई और दिल्ली के ठगों ने उससे एक करोड़ पांच लाख से ज्यादा की ठगी कर ली। प्रोजेक्ट लोन देने के नाम पर ठगों ने पहले पीड़ित को अपने जाल में फंसा लिया और बाद में जो हुआ उसका ठेकेदार को कभी अंदाज़ा भी नहीं था। डॉक्टर कॉलोनी स्थित महेंद्र लोक अपार्टमेंट में रहने वाले सुयश कुमार ने कंकड़बाग थाने में एफआईआर दर्ज करवायी है। 




दरअसल, सुयश की कंपनी राज्य और केंद्र सरकार के सरकारी उपक्रम में निर्माण कार्य का ठेका लेती है। लेकिन उन्हें किसी प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से लोन लेना था। उन्होंने एक अपने पहचान के एक शख्स राजेश कुमार से लोन के बारे में पूछा। इसके बाद राजेश ने उस ठेकेदार को अशोक नारायण शेट्टी (ठाणे, महाराष्ट्र), अजीत लक्ष्मण (नासिक, महाराष्ट्र), सागर अशोक चौधरी (पुणे, महाराष्ट्र) से मिलवाया। इन्होंने बताया कि वे बैंकॉक की कंपनी इंडस्ट्रियल फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ थाइलैंड (आईएफसीटी) के कर्मी हैं। 3 अक्टूबर को सभी ने ठेकेदार के कार्यस्थलों का निरीक्षण किया। सभी ने सुयश को लोन के लिए एग्रीमेंट साइन करने को कहा। अगले दिन सभी का फ्लाइट का टिकट सुयश ने ही मुंबई के लिए बुक कराया। 




मुंबई में उनकी मुलाकात आकाश किश्नानी से हुई। वो तारीख 11 अक्टूबर की थी जब उन्हें कहा गया कि दूसरे शेयर होल्डर का सिग्न हो गया, जिसके बाद वे दिल्ली चले गए। ठगों ने उन्हें एक ट्रॉली बैग दिया था, जिसमें स्टांप पेपर रखे होने की बात कही थी। उसे भी गायब कर दिया गया। इसके बाद दोबारा उन्हें स्टांप खरीदने को कहा गया। लेकिन ठेकेदार ने मना कर दिया। सुयश को दोबारा पांच करोड़ का लोन देने के नाम पर जाल बिछाया गया। ठगों ने उन्हें 2.85 प्रतिशत प्रोसेसिंग फी और पीडीसी चेक देने को कहा। 22 अक्टूबर को ठग उनके ऑफिस पहुंचे, जहां प्रोसेसिंग फी के नाम पर उन्होंने दोबारा 15 लाख 25 हजार दे दिए। ठग रुपए मौर्य कॉम्पलेक्स स्थित एक एजेंट के यहां जमा करने की बात कहकर निकल गए। ठेकेदार के होश उस वक्त उड़ गए जब उसने सभी को फ़ोन करना शुरू किया लेकिन सबका मोबाइल ऑफ बताने लगा । सुयश को समझते देर नहीं लगी कि वे ठगी के शिकार हुए हैं।