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1st Bihar Published by: Updated Wed, 03 Nov 2021 03:21:52 PM IST
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PATNA: अपने हाथियों के नाम करोड़ों की संपत्ति लिख कर पूरे देश में चर्चित हुए पटना के अख्तर इमाम की बुधवार को हत्या कर दी गयी। अपराधियों ने उन पर तोबड़तोड़ गोलियां बरसायीं। अख्तर इमाम को 8 गोलियां मारी गयीं, जिसके बाद घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी।अख्तर इमाम पूरे सूबे में हाथी वाले मुखिया के नाम से प्रसिद्ध थे।
हाथी वाले मुखिया की हत्या
वाकया पटना शहर से सटे जानीपुर थाना क्षेत्र में हुई. मुर्गियाचक गांव में अख्तर इमाम की हत्या कर दी गयी. अपराधियों ने आधुनिक पिस्टल से उन पर गोलियां बरसायीं. पुलिस के मुताबिक अख्तर के पेट और कनपटी में आठ गोलियां मारी गयीं. अपराधियों ने ऐसे गोलियां मारी जिससे उनके जिंदा रहने का कोई चांस ही नहीं बचे. घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी. पटना पुलिस वहां पहुंची है. फिलहाल घटना के कारणों का पता नहीं चल पा रहा है लेकिन संपत्ति के विवाद में हत्या की आशंका जतायी जा रही है.
हाथीशाला में ही मारी गयी गोलियां
अख्तर इमाम को तब गोलियां मारी गयी जब वे अपने हाथीशाला में काम कर रहे थे. हर रोज उनका ज्यादातर समय हाथियों के साथ ही गुजरता था. बुधवार की सुबह में वे अपने हाथियों के साथ ही थे जब अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड गोलियां बरसायीं. हालांकि उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी लेकिन स्थानीय लोग उन्हें पटना एम्स ले गये. वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
हाथी वाला मुखिया
अख्तर इमाम पूरे बिहार में हाथी वाले मुखिया के नाम से जाने जाते थे. उन्होंने अपनी पांच करोड़ की संपत्ति हाथियों के नाम लिख दी थी. अख्तर इमाम ने अपने बेटे के नालायक होने के बाद उन्हें जमीन जायदाद और संपत्ति से बेदखल कर दिया था. उन्होंने अपनी सारी संपत्ति अपने दो हाथियों के नाम लिख दी।
अख्तर कहते थे कि बेटों को संपत्ति से बेदखल करने के बावजूद वे खुद को अकेला या बेसहारा महसूस नहीं करते हैं. अख्तर को अपने बेटों से हाथियों पर यकीन था. इसके कारण ही लोग उन्हें हाथी वाला मुखिया या 'हाथी काका कहकर बुलाते थे।
अख्तर के पास दो हाथी थे. एक का नाम रानी तो दूसरे का नाम मोती है। उनका सुबह से लेकर रात तक का वक्त इन्हीं के साथ बीतता था। अपनी पांच करोड़ की जमीन हाथियों के नाम लिखने पर वे सुर्खियों में आए थे। उन्होंने अपनी जायदाद की रजिस्ट्री दो हिस्सों में की थी। एक हिस्सा अपनी पत्नी को दिया था तो दूसरा हाथियों के लिए लिखा था।
बैंक खाते में भी हाथी हैं हिस्सेदार
अख्तर ने पहले ही एलान कर दिया था कि उनके मरने के बाद मकान, बैंक बैलेंस, खेत, खलिहान सब हाथियों का हो जाएगा. यदि हाथियों को कुछ हो गया तो उनके हिस्से की जायदाद ऐरावत संस्था को मिल जाएगी. अख्तर ने अपना जीवन हाथियों के लिए समर्पित कर दिया था.
बेटे ने रेप केस में फंसाया था
अख्तर कहते थे कि बेटे नालायक निकल गये लेकिन हाथी ने साथ नहीं छोड़ा. उन्हें अपने इकलौते बेटे को जायदाद से बेदखल करने का जरा भी अफसोस नहीं था. अख्तर ने अपने इकलौते बेटे मिराज उर्फ पिंटू को जायदाद से बेदखल कर दिया था. अख्तर कहते थे कि उनके बेटे ने उन्हें अपनी प्रेमिका के झूठे रेप केस में फंसा दिया था. इस केस में उन्हें जेल तक जाना पड़ा था लेकिन जांच में सारे आरोप झूठे निकले औऱ वे बरी हो गये. मिराज उर्फ पिंटू ने उनके हाथियों को मारने की भी कोशिश की थी लेकिन पकड़ा गया. इसके बाद ही अख्तर ने अपने हाथियों के नाम पर जायदाद लिख दिया था.
हाथियों ने पहले बचायी थी जान
अख्तर की जान मारने की पहले भी कोशिश की गयी थी. एक बार दो हथियारबंद अपराधी अख्तर को मारने के लिए घर में घुस गये थे. तब हाथियों ने हंगामा और शोर मचाकर आसपास के लोगों को जगा दिया था. लोगों के जगने के बाद अपराधी भाग खड़े हुए औऱ अख्तर की जान बच गयी थी।