पटना नगर निगम की बैठक में मेयर का बेटा कैसे बैठ रहा है? अधिकारियों के मेलजोल से नगर निगम में खेला जा रहा बड़ा खेल

1st Bihar Published by: 9 Updated Wed, 21 Aug 2019 02:15:08 PM IST

पटना नगर निगम की बैठक में मेयर का बेटा कैसे बैठ रहा है? अधिकारियों के मेलजोल से नगर निगम में खेला जा रहा बड़ा खेल

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DESK: पटना नगर निगम की बैठक में मेयर का बेटा बैठ रहा है. स्टैंडिंग कमिटी से लेकर बोर्ड तक की बैठक में मेयर के बेटे शिशिर कुमार मौजूद रह रहे हैं. ये तब हो रहा है जब राज्य सरकार का सख्त निर्देश है कि ऐसी किसी बैठक में निगम पार्षद के अलावा दूसरा कोई मौजूद नही रह सकता. लेकिन पटना नगर निगम के अधिकारियों ने मेयर के बेटे को बैठक में मौजूद रहने की छूट दे दी है. वार्ड पार्षद पिंकी देवी के साथ आज हुई अभद्रता के बाद नगर निगम में बड़ा खेल होने की बात उजागर हो गयी है. वार्ड पार्षद का संगीन आरोप दरअसल वार्ड पार्षद पिंकी देवी ने आज आरोप लगाया कि नगर निगम की बैठक में मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार ने उनके साथ छेड़खानी की. महिला पार्षद ने मीडिया के सामने रोकर अपने साथ हुए वाकये को बताया. पिंकी देवी के मुताबिक नगर निगम की बैठक में मेयर के बेटे मौजूद थे.नगर निगम को मेयर नहीं बल्कि उनके बेटे चला रहे हैं. वे हर बैठक में मौजूद रह रहे हैं. पिंकी देवी के साथ हुए वाकये ने सरकार की नाक के नीचे पटना नगर निगम में हो रहे खेल को उजागर कर दिया है. मेय़र का बेटा कैसे चला रहा है नगर निगम सरकारी नियमों के मुताबिक नगर निगम की बैठक में वार्ड पार्षद के अलावा कोई और मौजूद नहीं रह सकता. फिर मेयर के बेटे को बैठक में जाने की छूट किसने दी. मेयर के बेटे शिशिर कुमार ने आज सफाई देते हुए कहा कि वे दर्शक दीर्घा में मौजूद रहते हैं. राज्य के किसी नगर निगम में दर्शक दीर्घा का कोई प्रावधान नहीं है. फिर पटना नगर निगम में दर्शक दीर्घा कैसे बन गया. अधिकारियों के मेलजोल से खेल नगर निगम की बैठकों में सरकारी आदेशों का पालन कराने का जिम्मा नगर आयुक्त का होता है. लेकिन पटना नगर आयुक्त ने मेयर के बेटे पर कभी रोक नहीं लगायी. जाहिर है कहीं न कहीं ये खेल आपसी मेलजोल का लग रहा है. मेयर विरोधी वार्ड पार्षदों के मुताबिक पटना नगर निगम में पिछले एक साल में हुए काम और भुगतान की जांच करायी जाये तो मेयर और उनके पुत्र समेत कई अधिकारी नपेंगे. उनका आरोप है कि नगर निगम में 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है.