मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 22 Dec 2024 11:28:39 PM IST
- फ़ोटो
संतान सुख हर माता-पिता के जीवन में सबसे बड़ा आशीर्वाद होता है। एक संतान के आगमन से परिवार की खुशी दोगुनी हो जाती है और परिवार का हर सदस्य परस्पर जुड़ जाता है। लेकिन कुछ दंपति ऐसे भी होते हैं जो संतान सुख से वंचित रहते हैं। उनके लिए धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय विशेष रूप से सहायक माने जाते हैं। इन्हीं उपायों में से एक है पुत्रदा एकादशी व्रत, जिसे संतान प्राप्ति और उनकी दीर्घायु के लिए सर्वोत्तम माना गया है। यह व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है।
हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक ग्रंथों में इस व्रत को संतान प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली बताया गया है। इसके साथ ही जिनके संतान हैं, उनके लिए इस व्रत का पालन उनकी संतानों की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए लाभकारी होता है।
पुत्रदा एकादशी व्रत का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन उनका विधिपूर्वक पूजन और व्रत करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। पुत्रदा एकादशी के व्रत का पालन करने वाले दंपतियों को संतान प्राप्ति का सौभाग्य मिलता है। वहीं, यह व्रत संतानों के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है।
व्रत की विधि
पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से शुद्ध होकर व्रत का संकल्प लें।
भगवान विष्णु के मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करें।
पूजा के दौरान भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएं और चंदन, फूल, धूप आदि अर्पित करें।
दिन भर उपवास रखें और फलाहार करें।
चावल और चावल से बनी चीजें खाने से बचें, क्योंकि इसे एकादशी व्रत में वर्जित माना गया है।
पुत्रदा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, पुत्रदा एकादशी व्रत 2025 के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 9 जनवरी को दोपहर 12:23 बजे से होगी और इसका समापन 10 जनवरी को सुबह 10:19 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस व्रत का पालन 10 जनवरी 2025 को किया जाएगा।
व्रत के लाभ
संतान प्राप्ति की इच्छुक दंपतियों को इसका लाभ मिलता है।
संतान की दीर्घायु और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
दांपत्य जीवन में शांति और सुख का अनुभव होता है।
पुत्रदा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने का विशेष अवसर है। इस दिन पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत का पालन करने से जीवन में संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में खुशहाली आती है।