MADHUBANI: मधुबनी में प्रेम विवाह बना जानलेवा, लड़की के परिवार ने लड़के के पिता की कर दी हत्या BIHAR: शादी समारोह में हर्ष फायरिंग, 13 साल का बच्चे और वेटर को लगी गोली SAHARSA: नाला निर्माण के विवाद को लेकर बाप-बेटे की पिटाई, इलाज के दौरान युवक की मौत BIHAR: हाजीपुर सदर अस्पताल से 2 साल का बच्चा गायब, CCTV खंगालने में जुटी पुलिस BIHAR: बसंतपुर गांव में शोक की लहर, ट्रेन हादसे में 22 वर्षीय गुड्डू सिंह की मौत Air Marshal AK Bharti: कौन हैं एयर मार्शल एके भारती, जिन्होंने पाकिस्तान को सुनाई रामचरित मानस की चौपाई? जानिए.. Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Life Style: अच्छे काम पर जाते वक्त क्यों खिलाया जाता है दही-चीनी? धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक वजह भी जान लीजिए.. Bihar News: निगरानी ने सार्वजनिक की बिहार के दागी अफसरों की जानकारी, सरकार को भेजी रिपोर्ट
1st Bihar Published by: Niraj Kumar Updated Mon, 02 Mar 2020 02:18:07 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : नीतीश कुमार की गाधी मैदान के कार्यकर्ता सम्मेलन को फ्लॉप करार देने पर जेडीयू पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव पर भड़क गयी है। जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि वे सर्टिफिकेट देने वाले कौन होते हैं।
अशोक चौधरी उस वक्त पत्रकारों के सवाल पर भड़क गये जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी यादव कह रहे है कि उनकी 'बेरोजगारी हटाओ रैली' में जगह-जगह उससे कही ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। इस पर उन्होनें कहा कि वे भी बिहार की सत्ता में पन्द्रह साल रहे हैं उस दम पर कुछ लोगों को जुटा कर कौन सा बड़ा तीर मार ले रहे हैं। पांच-दस हजार वोट अगर वे विधानसभा में जुटा भी लेते है तो इतना अकड़ रहे हैं। वहीं राबड़ी देवी के नीतीश सरकार को फेल करार दिए जाने पर उन्होनें कहा कि वे कौन होते है नीतीश सरकार को पास-फेल का सर्टिफिकेट देने वाले। ये तो जनता की अदालत में तय होगा कि कौन पास है कौन फेल ।
वहीं मंत्री अशोक चौधरी ने ये भी स्वीकार किया है कि आयोजन में कुछ खामियां रह गयी थी जिस वजह से पटना पहुंच कर भी लोग गांधी मैदान में नहीं पहुंच सके। उन्होनें मौसम का हवाला देते हुए कहा कि बहुत ज्यादा धूप होने की वजह से लोग पैदल नहीं पहुंच सके। गाड़ियों के दूर-दराज में रोका गया था जिस वजह से लोग भीषण गर्मी में पहुंचने में असमर्थ दिखे। वहीं उन्होनें कहा कि गांधी मैदान में हमें लोगों के बैठने की जगह पर उपर में टेंट-कनात लगाने की जरूरत थी साथ ही कुर्सियां भी लगनी चाहिए थी। इन छोटी-छोटी गलतियों की वजह से कार्यकर्ता किनारे पेड़ ने नीचे खड़े हुए दिखे या फिर किसी छायादार जगह से भाषण सुन रहे थे।